नई दिल्ली : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) ने बुधवार को तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इसे बाइडेन प्रशासन द्वारा चीन को दिया गया साफ संकेत माना जा रहा है कि वह तिब्बत मुद्दे का समर्थन जारी रखेगा.
बैठक में निर्वासित तिब्बत सरकार के अधिकारी और दलाई लामा के प्रतिनिधि न्गोडुप डोंगचुंग ने अमेरिका द्वारा तिब्बत आंदोलन का समर्थन जारी रखने के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री के प्रवक्ता से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'विदेशमंत्री ब्लिंकन को आज सुबह नई दिल्ली में दलाई लामा, केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के प्रतिनिधि न्गोडुप डोंगचुंग से संक्षिप्त मुलाकात का अवसर मिला.' इससे इतर, अन्य तिब्बती प्रतिनिधि गीशी दोरजी दामदुल ब्लिंकल द्वारा सात नागरिक समाज के सदस्यों के साथ की गई गोलमेज बैठक में शामिल हुए.
ये भी पढ़ें - जयशंकर से मिले एंटनी ब्लिंकन, द्विपक्षीय संबंधों समेत कई विषयों पर की चर्चा
उल्लेखनीय है कि छह जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को फोन करके उनके 86वें जन्मदिन पर बधाई दी थी, जिसे कुछ धड़ों द्वारा पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन के साथ चल गतिरोध की पृष्ठभूमि में बीजिंग को दिया गया कड़ा संदेश माना जा रहा है. वर्ष 1959 में 14वें दलाई लामा भारत चले आए थे. चीन के सरकारी अधिकारियों और दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच वर्ष 2010 से कोई बातचीत नहीं हुई है.
चीन ने पूर्व में दलाई लामा पर आरोप लगाया था कि वह 'अलगावादी गतिविधियों' में शामिल हैं और तिब्बत को अलग करना चाहते हैं. वह उन्हें विभाजनकारी हस्ती मानता है. हालांकि, तिब्बती आध्यात्मिक नेता का कहना है कि वह आजादी नहीं चाहते हैं लेकिन 'तिब्बत के पारंपरिक तीन प्रांतों में रह रहे सभी तिब्बतवासियों के लिए वास्तविक स्वायत्ता' चाहते हैं.
(पीटीआई-भाषा)