नई दिल्ली : बीजेपी के पदाधिकारियों की बुलाई गई दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को अपने अपने इलाकों में प्रधानमंत्री के दिए गए लक्ष्य दस- दस प्रतिशत वोट हर क्षेत्र से बढ़ाने को दोहराया और सभी राज्यों के प्रदेश प्रभारियों और अध्यक्षों से उनके राज्यों का प्रेजेंटेशन भी लिया. सूत्रों की माने तो गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष तौर पर नेताओं से कहा है कि 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अपने अपने क्षेत्रों के लोगों को भी मंदिर दर्शन करवाएं. साथ ही उन परिवारों का विशेष ध्यान रखा जाए जिन्होंने इस राम मंदिर आंदोलन में भाग लिया था.
केंद्र की उपलब्धियों को ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंचाने और अपने क्षेत्रों में इसे कार्यान्वित करवाने संबधी बात तो बैठक में कही ही गई साथ ही मोदी की गारंटी शब्द पर भी कैंपेन की तैयारी के निर्देश दिए गए. बीजेपी जनता को ये बताएगी की मोदी ने जिन बातों की गारंटी दी उन तमाम बातों को पूरा भी किया और जितने भी बाकी इंडिया एलायंस या विरोधी पार्टी के नेताओं ने जो भी बातें कहीं उन्हें उन्होंने पूरा नहीं किया. यानी एक ही गारंटी और वो मोदी की गारंटी पर, इसके लिए जनता को भरोसा दिलाया जाए. बात पर विशेष कैंपेन के जरिए लोगों तक इसे पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.
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#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah arrives at the party headquarters to attend the party's national office bearers' meeting pic.twitter.com/ETjbyytAv2
— ANI (@ANI) December 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बैठक में लोकसभा की 160 कमजोर सीटों पर भी चर्चा हुई मगर साथ ही निगेटिव कैंपेन से बचने की भी सलाह दी गई. साथ ही कहा गया कि विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री के लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्दों और गालियों भी जनता को पार्टी के नेता जरूर बताएं. सूत्रों की माने तो केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों के लाभान्वितों की लिस्ट तैयार कर उन्हें एक बड़े वोटबैंक में तब्दील करने के भी निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के नेताओं को विवादास्पद मुद्दों पर मीडिया में अनर्गल बयानबाजी से भी बचने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा नेता ज्यादा से ज्यादा अपने क्षेत्र में रहें और सामाजिक कार्यों में लोगों से जुड़े ये बात भी दो टूक कही गई.
सूत्रों की माने तो पार्टी चुनाव की घोषणा होते ही अपने उम्मीदवारों की जल्द घोषणा कर देगी,साथ ही लोकसभा चुनाव में भी मध्यप्रदेश के चुनाव मॉडल को अपनाया जा सकता है. बीजेपी ने वहां एक्सपेरिमेंट किया था. सूत्रों के अनुसार ज्यादातर जोर नए और युवा उम्मीदवारों पर हो सकता है और यही वजह है कि 30 से 40 प्रतिशत नए उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं. यानी कई सांसदों के टिकट काटना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि बैठक के बाद नेताओं ने ज्यादातर बैठक संबधी बात मीडिया में करने से मना कर दिया क्योंकि अंदरखाने पार्टी की बात मीडिया में कहने पर मनाही की गई है.
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