लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हाल के कुछ महीनों में धर्मांतरण और लव जिहाद की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. जिससे चिंतित योगी सरकार अब इस पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. सरकार जल्द ही धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लाने जा रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को देश के अन्य राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून की स्टडी करने के निर्देश दिए गए हैं.
पहले अध्यादेश, फिर बनेगा कानून
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसको लेकर ठोस कार्ययोजना और पूरी स्टडी करने के निर्देश दिए गए हैं. कहा गया है कि जिन देश के आठ राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ बने कानून और अधिनियम हैं, उनका ठीक से अध्ययन किया जाए और फिर इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार इसके खिलाफ अध्यादेश लाकर नया कानून बनाएगी.
आरएसएस प्रमुख की बैठक के बाद शुरू हुई कवायद
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यह कवायद पिछले दिनों राजधानी लखनऊ के प्रवास पर आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच हुई बातचीत के बाद शुरू हुई है. सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अवध प्रांत की बैठक में लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी घटनाओं पर चिंता जताई थी. जब मुख्यमंत्री योगी उनसे मिले थे तब उन्होंने उनसे भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने की बात कही थी, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून लाए जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है.
'अध्ययन के बाद लाया जाएगा अध्यादेश'
उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए कहा कि धर्मांतरण जैसी घटनाओं की रोकथाम को लेकर अध्यादेश लाए जाने की तैयारी की जा रही है. इसमें धर्मांतरण, लव जिहाद या धर्म का गलत तरीके से उपयोग करने वाले लोगों पर सख्ती करने को लेकर यह काम किया जा रहा है. अभी दूसरे राज्यों के जो कानून या नियम हैं, उनका अध्ययन किया जा रहा है. इसके बाद इस पर पूरा प्रस्ताव बनाकर अध्यादेश लाया जाएगा.
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आठ राज्यों में बनाया गया है कानून
आठ राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून अधिनियम बनाया गया है. इनमें ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात शामिल हैं.