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बिहार की शिवांगी बनीं भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट

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Published : Dec 2, 2019, 11:55 AM IST

Updated : Dec 4, 2019, 12:44 PM IST

बिहार की रहने वाली शिवांगी भारतीय नौ सेना की पहली महिला बन गई हैं. वह डॉर्नियर विमान उड़ाएंगी. शिवांगी ने केरल में सोमवार को ऑपरेशनल ड्यूटी ज्वाइन की. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

Sub Lieutenant Shivangi etvbharat
दो अन्य साथियों के साथ सब लेफ्टिनेंट शिवांगी

कोच्चि : सब लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बन गई हैं. वे डॉर्नियर विमान उड़ाएंगी. शिवांगी ने केरल में आज ऑपरेशनल ड्यूटी ज्वाइन की.

शिवांगी का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ. शुरुआती ट्रेनिंग के बाद पिछले साल शिवांगी ने भारतीय नौसेना ज्वाइन की थी.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

शिवांगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं इसके लिए बहुत दिनों से प्रयासरत थी और आखिरकार मैं यहां हूं. इसलिए यह एक शानदार एहसास है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं ट्रेंनिग के तीसरे चरण को पूरा करने के लिए उत्साहित हूं.

शिवांगी के माता पिता का बयान

शिवांगी की माता प्रियंका ने कहा कि आज मैं बहुत ही खुश हूं और शिवांगी आर्शीवाद देना चाहती हूं. वह जो भी उपलब्धि प्राप्त करना चाहती है. उसे मिलें. साथ ही उन्होंने नौसेना के अधिकारियों का धन्यवाद दिया. जिन्होंने आगे बढ़ने में सहायता की.

sub-lieutenant-shivangi
शिवांगी के माता -पिता और शिवांगी

शिवांगी के पिता हरिभूषण सिंह ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है और यह मेरे गांव, शहर , राज्य और देश के लिए गर्व की बात है. साथ ही देश की रक्षा के लिए शिवांगी ने यह चुना है. इस कारण से मै बहुत गर्व करता हूं.

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फ्टिनेंट शिवांगी

बिहार के मुजफ्फरपुर की मूल निवासी सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी को शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) –पायलट एंट्री स्कीम के तहत भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.

ये इंडियन नेवल एकेडमी, एझिमाला में 27वें नेवल ओरियंटेशन कोर्स (एनओसी) का हिस्सा था. उसे पिछले साल जून में नौसेना में शामिल किया गया था. उनके प्रशिक्षण के रूप में, सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी ने पायलट पीसी 7 एमके 2, एएफए में बेसिक ट्रेनर और कोच्चि में भारतीय नौसेना के साथ डॉर्नियर कनवर्जन पूरा किया.

sub-lieutenant-shivangi
शिवांगी को सम्मानित करते अधिकारी

वह आईएनएएस गरुड़ 550 में प्रशिक्षण, आईएनएएस गरुड़ में डॉर्नियर स्क्वाड्रन प्रशिक्षण जारी रखेगी. इसके बाद वह मैरीटाइम रिकोनाइसेंस (एमआर) विमान की सम्‍पूर्ण परिचालन पायलट बन जाएगी.

ये भी पढें-भारतीय नौसेना के अंग बने चार डॉर्नियर विमान

क्या है डॉर्नियर
डॉर्नियर विमान भारतीय नौसेना में करीब छह दशकों से सेवा दे रहा है. निगरानी के मोर्चे पर ये विमान काफी अहम है. भारतीय नौसेना स्वदेश निर्माण को प्राथमिकता देती है. डॉर्नियर इसका भी प्रतीक है. ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भी डॉर्नियर की उल्लेखनीय भूमिका रही है.

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डॉर्नियर की खासियत और उपयोग

दो दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में सब लेफ्टिनेंट शिवांगी समेत 7वें डॉर्नियर कन्‍वर्जन कोर्स (डीओसीसी) के तीन प्रशिक्षु अधिकारियों के एक बैच ने डॉर्नियर पायलटों के रूप में योग्यता प्राप्‍त की. तीनों को 02 दिसंबर, 2019 को आईएनएन गरुड़ में आयोजित एक समारोह में स्‍वर्ण 'विंग्स' प्रदान किया गया.

'विंग्स' का पुरस्कार कोच्चि में वायु सेना अकादमी (एएफए), डंडीगल और भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 550, आईएनएस गरुड़ में उड़ान प्रशिक्षण के एक वर्ष की समाप्ति का प्रतीक है.

दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल ए.के. चावला, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने पासिंग ऑफिसर्स को 'विंग्स' भेंट की, जो नौसेना के एविएटर के रूप में उनकी योग्यता को दर्शाता है.

मेरिट के समग्र क्रम में पहले स्थान पर रहने के लिए लेफ्टिनेंट शिवम पांडे को फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ साउथ रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की गई.

इसके बाद, एक ऑपरेशनल मैरीटाइम टोहीन स्क्वाड्रन 'कोर्स में शामिल होने से पहले, ये पायलट जनवरी 2020 के मध्य से आईएनएएस 550 में डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग में शामिल होंगे.

कोच्चि : सब लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बन गई हैं. वे डॉर्नियर विमान उड़ाएंगी. शिवांगी ने केरल में आज ऑपरेशनल ड्यूटी ज्वाइन की.

शिवांगी का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ. शुरुआती ट्रेनिंग के बाद पिछले साल शिवांगी ने भारतीय नौसेना ज्वाइन की थी.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

शिवांगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं इसके लिए बहुत दिनों से प्रयासरत थी और आखिरकार मैं यहां हूं. इसलिए यह एक शानदार एहसास है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं ट्रेंनिग के तीसरे चरण को पूरा करने के लिए उत्साहित हूं.

शिवांगी के माता पिता का बयान

शिवांगी की माता प्रियंका ने कहा कि आज मैं बहुत ही खुश हूं और शिवांगी आर्शीवाद देना चाहती हूं. वह जो भी उपलब्धि प्राप्त करना चाहती है. उसे मिलें. साथ ही उन्होंने नौसेना के अधिकारियों का धन्यवाद दिया. जिन्होंने आगे बढ़ने में सहायता की.

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शिवांगी के माता -पिता और शिवांगी

शिवांगी के पिता हरिभूषण सिंह ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है और यह मेरे गांव, शहर , राज्य और देश के लिए गर्व की बात है. साथ ही देश की रक्षा के लिए शिवांगी ने यह चुना है. इस कारण से मै बहुत गर्व करता हूं.

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फ्टिनेंट शिवांगी

बिहार के मुजफ्फरपुर की मूल निवासी सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी को शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) –पायलट एंट्री स्कीम के तहत भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.

ये इंडियन नेवल एकेडमी, एझिमाला में 27वें नेवल ओरियंटेशन कोर्स (एनओसी) का हिस्सा था. उसे पिछले साल जून में नौसेना में शामिल किया गया था. उनके प्रशिक्षण के रूप में, सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी ने पायलट पीसी 7 एमके 2, एएफए में बेसिक ट्रेनर और कोच्चि में भारतीय नौसेना के साथ डॉर्नियर कनवर्जन पूरा किया.

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शिवांगी को सम्मानित करते अधिकारी

वह आईएनएएस गरुड़ 550 में प्रशिक्षण, आईएनएएस गरुड़ में डॉर्नियर स्क्वाड्रन प्रशिक्षण जारी रखेगी. इसके बाद वह मैरीटाइम रिकोनाइसेंस (एमआर) विमान की सम्‍पूर्ण परिचालन पायलट बन जाएगी.

ये भी पढें-भारतीय नौसेना के अंग बने चार डॉर्नियर विमान

क्या है डॉर्नियर
डॉर्नियर विमान भारतीय नौसेना में करीब छह दशकों से सेवा दे रहा है. निगरानी के मोर्चे पर ये विमान काफी अहम है. भारतीय नौसेना स्वदेश निर्माण को प्राथमिकता देती है. डॉर्नियर इसका भी प्रतीक है. ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भी डॉर्नियर की उल्लेखनीय भूमिका रही है.

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डॉर्नियर की खासियत और उपयोग

दो दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में सब लेफ्टिनेंट शिवांगी समेत 7वें डॉर्नियर कन्‍वर्जन कोर्स (डीओसीसी) के तीन प्रशिक्षु अधिकारियों के एक बैच ने डॉर्नियर पायलटों के रूप में योग्यता प्राप्‍त की. तीनों को 02 दिसंबर, 2019 को आईएनएन गरुड़ में आयोजित एक समारोह में स्‍वर्ण 'विंग्स' प्रदान किया गया.

'विंग्स' का पुरस्कार कोच्चि में वायु सेना अकादमी (एएफए), डंडीगल और भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 550, आईएनएस गरुड़ में उड़ान प्रशिक्षण के एक वर्ष की समाप्ति का प्रतीक है.

दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल ए.के. चावला, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने पासिंग ऑफिसर्स को 'विंग्स' भेंट की, जो नौसेना के एविएटर के रूप में उनकी योग्यता को दर्शाता है.

मेरिट के समग्र क्रम में पहले स्थान पर रहने के लिए लेफ्टिनेंट शिवम पांडे को फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ साउथ रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की गई.

इसके बाद, एक ऑपरेशनल मैरीटाइम टोहीन स्क्वाड्रन 'कोर्स में शामिल होने से पहले, ये पायलट जनवरी 2020 के मध्य से आईएनएएस 550 में डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग में शामिल होंगे.

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Last Updated : Dec 4, 2019, 12:44 PM IST
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