नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि आने वाले दिनों में बैंक आवास, वाहन और दूसरे कर्ज को सस्ता करेंगे. रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में की गई कटौती का लाभ बैंक कर्ज लेने वालों को उपलब्ध करायेंगे. इसके लिये बैंक अपनी ब्याज दर में कमी लायेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये कहा कि सरकार ने बैंकों में नकदी बढ़ाने के अनेक उपाय किये हैं. उन्होंने कहा कि बैंक रेपो दर से जुड़े अथवा दूसरी किसी बाहरी-मानक दर से संबद्ध ऋण उत्पाद पेश करेंगे. इससे आवास, वाहन और अन्य खुदरा ऋणों की मासिक किश्तें सस्ती हो जाएंगी.
सीतारमण ने घोषणा की सरकार आवास वित्त कंपनियों को राष्ट्रीय आवास बैंक के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सहायता भी उपलब्ध कराएगी जिससे कुल समर्थन राशि 30,000 करोड़ रुपये हो जाएगी.
गैर-बैंकिंग कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों की एक लाख करोड़ रुपये तक की एकजुट परिसंपत्तियों की खरीद के लिए सरकार की घोषित आंशिक ऋण योजना की प्रत्येक बैंक में उच्च स्तर पर निगरानी की जाएगी.
गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को जारी किए गए पूर्वभुगतान नोटिसों की बैंक निगरानी करेंगे.
सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी को प्रक्रियाओं के दोहरीकरण से बचने के लिये बैंकों के आधार सत्यापित 'अपने ग्राहक को पहचानो' (केवाईसी) का इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने ऋण प्रक्रिया को आसान करने के लिए आधार नियमों को सरल बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग कानून में आवश्यक बदलाव करने का निर्णय किया है.
सीतारमण ने कहा कि उद्योगों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण को भी सस्ता बनाया जाएगा.
लोगों को परेशानी से बचाने और कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए सरकारी बैंक सुनिश्चित करेंगे कि कर्जदार का ऋण खत्म होने के 15 दिन के भीतर ऋण के लिए गिरवी रखे दस्तावेज लौटा दिए जाएं. इससे गिरवी रख ऋण लेने वालों को लाभ होगा.