लखनऊ: शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे रविवार को अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने आज अपने सांसदों के साथ रामलला के दर्शन किए. उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी उनके साथ मौजूद थे. यहां पर उद्घव समेत उनके सभी सांसदों को राज्य अतिथि का दर्जा प्राप्त है.
ठाकरे ने रामलला का दर्शन करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की बात पर ही भाजपा के साथ गठबंधन किया था. अब देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तो फिर मंदिर निर्माण की बात भी आगे बढ़नी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैंने तो कहा था पहले मंदिर फिर सरकार. यहां आने के बाद देखा कि मंदिर निर्माण में गति आने लगी है.
ठाकरे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. यह काम मोदी जी कर सकते हैं. उनके इस काम में हम पूरी तरह से साथ हैं. काम कोई जटिल नहीं है, मोदी जी ने तो तमाम जटिल काम को चुटकियों में पूरा किया है. उन्होंने कहा कि मंदिर को लेकर अगर भाजपा सरकार अध्यादेश लाएगी तो हम उनके साथ हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी शिवसेना के सभी 18 सांसद सदन में जाने के पहले राम लला का दर्शन कर नई पारी के शुरुआत करेंगे. संसद का सत्र कल से शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा तो यहां बार-बार आने का दिल करता है, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि हम मतलब तथा काम निकालने के लिए यहां आते हैं. लोग कहते थे आप दोबारा अयोध्या आएंगे. इस बार मैं फिर अयोध्या आया हूं यहां बार बार आने का दिल करता है मैं कितनी बार आऊंगा यह पता नहीं.
जानकारी के अनुसार, शिवसेना के प्रदेश प्रमुख अनिल सिंह ने बताया कि शिवसेना के कुछ सांसद शनिवार देर रात ही अयोध्या पहुंच गए थे. वह होटल में रुके, जहां से रविवार सुबह वे उद्घव ठाकरे के साथ रामलला का दर्शन करने गए. सांसदों का कहना है कि वे रामलला की धरती पर आकर खुद को धन्य मानते हैं, उनके मन में राम जन्मभूमि के दर्शन करने की व्याकुलता है.
अनिल सिंह ने कहा, 'सभी सांसदों का मत है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने यह शिवसेना ही नहीं, संपूर्ण भारत का हिंदू समाज चाहता है.'
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इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे पिछले साल नवंबर में किया गया वादा पूरा कर रहे हैं कि वह चुनाव बाद यहां फिर आएंगे. उन्होंने रामलला को राजनीति का नहीं बल्कि आस्था का विषय बताया.
राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'रामलला राजनीति का विषय नहीं हैं बल्कि आस्था का मसला हैं. हमने राम के नाम पर वोट नहीं मांगा और ना ही भविष्य में मांगेंगे. जब वह (उद्धव) नवंबर में अयोध्या आये थे तो चुनाव बाद फिर आने का वायदा किया था. वह अपना वादा पूरा कर रहे हैं.'