बेलूर (पश्चिम बंगाल) : रामकृष्ण मठ एवं मिशन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से दूरी बना ली और कहा कि वह एकदम गैर राजनीतिक निकाय है, जो क्षणिक आह्वानों पर जवाब नहीं देता.
गौरतलब है कि रविवार दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ से अपने संबोधन में कहा था कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं लेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि युवाओं के एक वर्ग को संशोधित नागरिकता कानून के बारे में गुमराह किया गया है.
रामकृष्ण मठ एवं मिशन के महासचिव स्वामी सुविरानंद ने कहा, 'यह संगठन सीएए पर प्रधानमंत्री के भाषण पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. हम बिल्कुल गैर राजनीतिक संगठन हैं. हम सनातन आह्वानों का जवाब देने के लिए अपना घर छोड़कर यहां आए हैं. हम क्षणिक आह्वानों का जवाब नहीं देते.'
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उन्होंने कहा कि मिशन समावेशिता में विश्वास करता है. उन्होंने कहा, 'हम समावेशी संगठन हैं, जिसमें हिन्दू, इस्लाम और ईसाई समुदायों के संत हैं. हम एक ही माता-पिता की संतान की भांति रहते हैं.'
स्वामी सुविरानंद ने कहा, 'हमारे लिए, नरेंद्र मोदी भारत के नेता हैं और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की नेता हैं.'