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नेपाली संसद से विवादित नक्शे को मिली मंजूरी, संविधान संशोधन विधेयक पारित

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नेपाल की संसद
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Published : Jun 13, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 9:56 PM IST

17:22 June 13

नेपाली संसद से विवादित नक्शे को मिली मंजूरी, संविधान संशोधन विधेयक पारित

नेपाली संसद में विवादित नक्शा पास

काठमांडू : नेपाल की संसद ने शनिवार को देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने के लिये संविधान में बदलाव से जुड़े एक विधेयक पर सर्वसम्मति से अपनी मुहर लगा दी. संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है. भारत इन तीन इलाकों को अपना बताता रहा है.

प्रस्ताव पास होने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि यह लोगों और राष्ट्रीय हित के पक्ष में है. यह बिना किसी विरोध के एकमत समझौता था. यह सिर्फ संसद का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए है जो इसके पीछे खड़ें हैं.  

नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने नए विवादित नक्शे को शामिल करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक को अद्यतन करने के लिये संविधान की तीसरी अनुसूची को संशोधित करने संबंधी सरकारी विधेयक के पक्ष में मतदान किया.

नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा.

संसद ने नौ जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी जिससे नए नक्शे को मंजूर किये जाने का रास्ता साफ हुआ.

कूटनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए हालांकि कहा था कि नक्शे को जब मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूर कर जारी कर दिया है तो फिर विशेषज्ञों के इस कार्यबल का गठन किस लिए किया गया?

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क्या है पूरा विवाद

भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव दिखा जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था. नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि यह सड़क नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. भारत ने नेपाल के दावों को खारिज करते हुए दोहराया कि यह सड़क पूरी तरह उसके भूभाग में स्थित है. 

कालापानी और लिपुलेख पर नेपाल का दावा झूठा, सरकारी दस्तावेज दे रहे गवाही

नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था. भारत यह कहता रहा है कि यह तीन इलाके उसके हैं. काठमांडू द्वारा नया नक्शा जारी करने पर भारत ने नेपाल से कड़े शब्दों में कहा था कि वह क्षेत्रीय दावों को कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का प्रयास न करे.

17:22 June 13

नेपाली संसद से विवादित नक्शे को मिली मंजूरी, संविधान संशोधन विधेयक पारित

नेपाली संसद में विवादित नक्शा पास

काठमांडू : नेपाल की संसद ने शनिवार को देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने के लिये संविधान में बदलाव से जुड़े एक विधेयक पर सर्वसम्मति से अपनी मुहर लगा दी. संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है. भारत इन तीन इलाकों को अपना बताता रहा है.

प्रस्ताव पास होने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि यह लोगों और राष्ट्रीय हित के पक्ष में है. यह बिना किसी विरोध के एकमत समझौता था. यह सिर्फ संसद का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए है जो इसके पीछे खड़ें हैं.  

नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने नए विवादित नक्शे को शामिल करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक को अद्यतन करने के लिये संविधान की तीसरी अनुसूची को संशोधित करने संबंधी सरकारी विधेयक के पक्ष में मतदान किया.

नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा.

संसद ने नौ जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी जिससे नए नक्शे को मंजूर किये जाने का रास्ता साफ हुआ.

कूटनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए हालांकि कहा था कि नक्शे को जब मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूर कर जारी कर दिया है तो फिर विशेषज्ञों के इस कार्यबल का गठन किस लिए किया गया?

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क्या है पूरा विवाद

भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव दिखा जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था. नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि यह सड़क नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. भारत ने नेपाल के दावों को खारिज करते हुए दोहराया कि यह सड़क पूरी तरह उसके भूभाग में स्थित है. 

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नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था. भारत यह कहता रहा है कि यह तीन इलाके उसके हैं. काठमांडू द्वारा नया नक्शा जारी करने पर भारत ने नेपाल से कड़े शब्दों में कहा था कि वह क्षेत्रीय दावों को कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का प्रयास न करे.

Last Updated : Jun 13, 2020, 9:56 PM IST
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