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विदेशी निवेशकों के कम होते रुझान पर सोच विचार की जरूरत : अभिजीत बनर्जी - Global economy

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को नोबेल अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ और भी कई मुद्दों पर बात की. पढे़ं विस्तृत खबर...

अभिजीत बनर्जी
अभिजीत बनर्जी
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Published : Jan 26, 2020, 10:49 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 2:08 AM IST

जयपुर : राजस्थान के जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल (JLF-2020) में रविवार को नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. लेकिन, ये कब तक बेहतर बनी रहेगी, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है.

अभिजीत ने कहा कि देश आर्थिक मंदी से जल्द ही बाहर निकलेगा. लेकिन अभी कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, 'हमारे पास अभी इतने रुपये नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था सुधर सके.'

अभिजीत बनर्जी का बयान.

बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों का रुझान कम होता जा रहा है. जिस पर सरकार को सोचने की आवश्यकता है क्योंकि ग्लोबल इकॉनमी में बदलाव के लिए ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है.

पढ़ें- 30 साल के बाद भी कश्मीरी पंडितों को इंसाफ नहीं मिला- विधु विनोद चोपड़ा

देश मे स्थायी विपक्ष होना जरूरी
अभिजीत ने कहा कि देश मे अभी स्थाई विपक्ष नहीं है. अगर स्थाई विपक्ष होगा तो दबाव बना रहेगा. विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है. सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है.

सब्सिडी में उलझनों को करना होगा दूर
सब्सिडी को लेकर अभिजीत ने कहा कि सब्सिडी देना सही चीज है, बहुत तरह की सब्सिडी हैं, कुछ गरीबों के लिए है तो कुछ अमीरों के लिए. सब्सिडी को लेकर बहुत सारी उलझने हैं, जिनको दूर करना होगा.

बढ़ती गरीबी को लेकर अभिजीत ने कहा कि पिछले 30 सालों से गरीबी का ग्राफ कम हुआ है. 1990 में 40 फीसदी गरीबी थी, जो अब 20 फीसदी से भी कम रह गई है.

पढ़ें- पाकिस्तान के साथ क्रिकेट रिश्तों के अब कोई आसार नजर नहीं आते - शशि थरूर

अभिजीत बनर्जी ने कहा, 'हमने एक कैंपेन में लोगों से धर्म जाति के आधार पर वोट नहीं डालने की अपील की थी. कैंपेन में हमने प्रयास किया था कि लोग विकास और दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट डालें.'

जयपुर : राजस्थान के जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल (JLF-2020) में रविवार को नोबेल विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. लेकिन, ये कब तक बेहतर बनी रहेगी, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है.

अभिजीत ने कहा कि देश आर्थिक मंदी से जल्द ही बाहर निकलेगा. लेकिन अभी कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, 'हमारे पास अभी इतने रुपये नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था सुधर सके.'

अभिजीत बनर्जी का बयान.

बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों का रुझान कम होता जा रहा है. जिस पर सरकार को सोचने की आवश्यकता है क्योंकि ग्लोबल इकॉनमी में बदलाव के लिए ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है.

पढ़ें- 30 साल के बाद भी कश्मीरी पंडितों को इंसाफ नहीं मिला- विधु विनोद चोपड़ा

देश मे स्थायी विपक्ष होना जरूरी
अभिजीत ने कहा कि देश मे अभी स्थाई विपक्ष नहीं है. अगर स्थाई विपक्ष होगा तो दबाव बना रहेगा. विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है. सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है.

सब्सिडी में उलझनों को करना होगा दूर
सब्सिडी को लेकर अभिजीत ने कहा कि सब्सिडी देना सही चीज है, बहुत तरह की सब्सिडी हैं, कुछ गरीबों के लिए है तो कुछ अमीरों के लिए. सब्सिडी को लेकर बहुत सारी उलझने हैं, जिनको दूर करना होगा.

बढ़ती गरीबी को लेकर अभिजीत ने कहा कि पिछले 30 सालों से गरीबी का ग्राफ कम हुआ है. 1990 में 40 फीसदी गरीबी थी, जो अब 20 फीसदी से भी कम रह गई है.

पढ़ें- पाकिस्तान के साथ क्रिकेट रिश्तों के अब कोई आसार नजर नहीं आते - शशि थरूर

अभिजीत बनर्जी ने कहा, 'हमने एक कैंपेन में लोगों से धर्म जाति के आधार पर वोट नहीं डालने की अपील की थी. कैंपेन में हमने प्रयास किया था कि लोग विकास और दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट डालें.'

Intro:जयपुर- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को नोबेल प्राइज विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। अभिजीत बनर्जी ने कहा कि पिछले दो महीनों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे है लेकिन ये कब तक बेहतर बनी रहेगी इसपर कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि देश अर्थव्यवस्था से जल्द ही हम बाहर निकलेगा। लेकिन अभी कुछ समय लगेगा। हमारे पास अभी इतने रुपए नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था सुधर सके। हम बैंकिंग सेक्टर में पैसा लगा सके। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशको का रुझान कम होता जा रहा है, जिस पर सरकार को सोचने की आवश्यकता है। क्योंकि ग्लोबल इकॉनमी में बदलाव के लिए ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है।

देश मे विपक्ष राजनीति पार्टी स्थिर हो- अभिजीत
अभिजीत ने कहा कि देश मे अभी स्थायी विपक्ष नहीं है, अगर स्थायी विपक्ष होगा तो दबाव बना रहेगा। विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है।

सब्सिडी में उलझनों को करना होगा दूर- अभिजीत
सब्सिडी को लेकर अभिजीत बोले कि सब्सिडी देना सही चीज़ है। बहुत तरह की सब्सिडी है, कुछ गरीबों के लिए है तो कुछ अमीरों के लिए। सब्सिडी को लेकर बहुत सारी उलझने है जिसको दूर करना होगा। बढ़ती पॉवर्टी को लेकर अभिजीत ने कहा कि पिछले 30 सालों से पावर्टी का ग्राफ कम हुआ है। 1990 में 40 प्रतिशत गरीबी थी जो अब 20 प्रतिशत से भी कम रह गयी है।


Body:अभिजीत बनर्जी ने कहा हमने एक कैंपेन में लोगों से धर्म जाति के आधार पर वोट न डालने की अपील की थी। कैंपन में हमारा प्रयास किया था कि लोग विकास और दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट डालें।

बाईट- अभिजीत बनर्जी, अर्थशास्त्र


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 2:08 AM IST
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