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कपिली हाइड्रो पावर प्लांट में पाइप लाइन फटने के बाद AASU का आंदोलन फिर शुरू

नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के असम-मेघालय बॉर्डर पर कपिली हाइड्रो पावर प्लांट में एक पाइप लाइन फटने के बाद ऑल असम छात्र संगठन सहित अन्य संगठनों ने सभी बाधों के खिलाफ फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य
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Published : Oct 19, 2019, 6:34 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के अंतर्गत असम-मेघालय बॉर्डर पर उमरंगशू के कपिली हाइड्रो पावर प्लांट में एक पाइप लाइन फटने के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने सभी बांधों के निर्माण के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन फिर शुरू करने का फैसला किया है.

एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने शनिवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए अरुणाचल प्रदेश में 168 बांधों पर संचयी डाउन स्ट्रीम प्रभाव अध्ययन के लिए भारत सरकार और असम सरकार से मांग की है.

समुज्जल भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से की बात चीत

बता दें, केंद्र ने बिजली पैदा करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 168 बांध बनाने का प्रस्ताव रखा है.

भट्टाचार्य ने कहा, 'हम विकास चाहते हैं और इसके लिए बिजली होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए हम अपने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते.'

हाल ही में NEEPCO की उमरंगशू वॉटर पाइप लाइन फटने का जिक्र करते हुए, भट्टाचार्य ने भारत सरकार और NEEPCO के अधिकारी पर आरोप लगाए हैं.

भट्टाचार्य ने कहा, 'कपिली में अधिकारियों का आब तक पता नहीं चला है. यदि 2000 MW लोअर सुबनसिरी हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में कोई घटना घटती है तो क्या होगा.'

एएएसयू व कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने लगातार अन्य लोगों के साथ 2000 मेगावाट लोअर सुबनसिरी हाइड्रो पावर परियोजना के निर्माण का विरोध किया है. निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरा ही विरोध का मुख्य कारण है.

एनएचपीसी की 2000 मेगावाट की सुबनसिरी परियोजना में काम केएमएसएस, एएएसयू द्वारा आंदोलन की वजह से 2012 के बाद से रुका हुआ था.

इस बीच, NEEPCO के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि बचाव दल द्वारा आज चार मंजिला उमरंगशू पावर स्टेशन के तहखाने को साफ करने की संभावना है.

NEEPCO के समन्वयक एच भराली ने कहा, 'बचाव दल ने तीन मंजिलों की सफाई कर ली है. आज मंजिल के तहखाने तक पहुंचने की संभावना है और हम अपने लापता अधिकारियों का पता लगाने में लगे हुए हैं.

पढ़ें - कमलेश तिवारी हत्याकांडः तीनों आरोपी गिरफ्तार, देखें वीडियो

गौरतलब है कि कपिली हाइड्रो पावर स्टेशन पर गत सात अक्टूबर को एक उच्च गति वाली पानी की पाइप लाइन फटने से पावर स्टेशन में बाढ़ आ गई है, जबकि एक अन्य कर्मचारी के साथ सभी 3 NEEPCO कर्मचारी भी लापता हैं.

बाढ़ में लापता NEEPCO के तीन कर्मचारियों की पहचान प्रेम लाल बाल्मीकि, रॉबेट बाइट और जॉय टायम तुंग के रूप में की गई है. हालांकी, कैजुअल वर्कर की पहचान का अब पता नहीं चल पाया है.

बचाव कार्य राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (DDRF) की संयुक्त टीमों द्वारा किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि चार मंजिला पावर स्टेशन के तहखाने में भरे कीचड़ से बचाव कार्य में बाधा आ रही है.

कपिली जल विद्युत संयंत्र 1976 में असम में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई द्वारा पहला पावर प्लांट है. इसे 1984 में चालू किया गया था.

यह पावर प्लांट 275 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है, जिसमें से 150 मेगावाट असम को दिया जाता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, एनईईपीसीओ के सीएमडी वीके सिंह ने पहले कहा था कि आसपास के क्षेत्रों में कोयला खनन ही घटना का प्रमुख कारण है.

सिंह ने कहा, 'कपिली नदी के आस-पास के इलाकों में अवैध खनन ने पानी को अम्लीय बना दिया है और इससे पाइप लाइन फट गई है.'

नई दिल्ली : नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के अंतर्गत असम-मेघालय बॉर्डर पर उमरंगशू के कपिली हाइड्रो पावर प्लांट में एक पाइप लाइन फटने के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने सभी बांधों के निर्माण के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन फिर शुरू करने का फैसला किया है.

एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने शनिवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए अरुणाचल प्रदेश में 168 बांधों पर संचयी डाउन स्ट्रीम प्रभाव अध्ययन के लिए भारत सरकार और असम सरकार से मांग की है.

समुज्जल भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से की बात चीत

बता दें, केंद्र ने बिजली पैदा करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 168 बांध बनाने का प्रस्ताव रखा है.

भट्टाचार्य ने कहा, 'हम विकास चाहते हैं और इसके लिए बिजली होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए हम अपने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते.'

हाल ही में NEEPCO की उमरंगशू वॉटर पाइप लाइन फटने का जिक्र करते हुए, भट्टाचार्य ने भारत सरकार और NEEPCO के अधिकारी पर आरोप लगाए हैं.

भट्टाचार्य ने कहा, 'कपिली में अधिकारियों का आब तक पता नहीं चला है. यदि 2000 MW लोअर सुबनसिरी हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में कोई घटना घटती है तो क्या होगा.'

एएएसयू व कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने लगातार अन्य लोगों के साथ 2000 मेगावाट लोअर सुबनसिरी हाइड्रो पावर परियोजना के निर्माण का विरोध किया है. निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरा ही विरोध का मुख्य कारण है.

एनएचपीसी की 2000 मेगावाट की सुबनसिरी परियोजना में काम केएमएसएस, एएएसयू द्वारा आंदोलन की वजह से 2012 के बाद से रुका हुआ था.

इस बीच, NEEPCO के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि बचाव दल द्वारा आज चार मंजिला उमरंगशू पावर स्टेशन के तहखाने को साफ करने की संभावना है.

NEEPCO के समन्वयक एच भराली ने कहा, 'बचाव दल ने तीन मंजिलों की सफाई कर ली है. आज मंजिल के तहखाने तक पहुंचने की संभावना है और हम अपने लापता अधिकारियों का पता लगाने में लगे हुए हैं.

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गौरतलब है कि कपिली हाइड्रो पावर स्टेशन पर गत सात अक्टूबर को एक उच्च गति वाली पानी की पाइप लाइन फटने से पावर स्टेशन में बाढ़ आ गई है, जबकि एक अन्य कर्मचारी के साथ सभी 3 NEEPCO कर्मचारी भी लापता हैं.

बाढ़ में लापता NEEPCO के तीन कर्मचारियों की पहचान प्रेम लाल बाल्मीकि, रॉबेट बाइट और जॉय टायम तुंग के रूप में की गई है. हालांकी, कैजुअल वर्कर की पहचान का अब पता नहीं चल पाया है.

बचाव कार्य राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (DDRF) की संयुक्त टीमों द्वारा किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि चार मंजिला पावर स्टेशन के तहखाने में भरे कीचड़ से बचाव कार्य में बाधा आ रही है.

कपिली जल विद्युत संयंत्र 1976 में असम में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई द्वारा पहला पावर प्लांट है. इसे 1984 में चालू किया गया था.

यह पावर प्लांट 275 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है, जिसमें से 150 मेगावाट असम को दिया जाता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, एनईईपीसीओ के सीएमडी वीके सिंह ने पहले कहा था कि आसपास के क्षेत्रों में कोयला खनन ही घटना का प्रमुख कारण है.

सिंह ने कहा, 'कपिली नदी के आस-पास के इलाकों में अवैध खनन ने पानी को अम्लीय बना दिया है और इससे पाइप लाइन फट गई है.'

Intro:New Delhi: Against the backdrop of a pipeline burst at North Eastern Electric Power Corporation Limited (NEEPCO's) Kopili hydro power plant at Umrangshu along Assam-Meghalaya border, All Assam Students Union (AASU) has decided to resume a massive agitation against all dams in Assam.


Body:Speaking to ETV Bharat, AASU chief advisor Samujjal Bhattacharya, on Saturday, also demanded to the government of India and government of Assam for a cumulative down stream impact study on the 168 dams in Arunachal Pradesh.

The Centre has proposed to construct 168 dams in Arunachal Pradesh for generating power.

"We want development and for this power is must. But we can't put life of our downstream people into danger for generating power," said Bhattacharya.

Referring to the recent Umrangshu water pipe line burst of NERPCO, Bhattacharya accused the government of India and NEEPCO official for the incident.

"We have seen the fate of officers in Kopili hydro project, They are still untracable. What will happen if some eventuality happen to the 2000 MW Lower Subansiri Hydro Power project!" said Bhattacharya.

AASU, Krishak Mukti Sangram Samity (KMSS) among others have been opposing the construction of 2000 MW Lower Subansiri Hydro Power project citing danger to the people living along the down stream areas.

The work in the 2000 MW lower Subansiri project of NHPC was halted since 2012 following agitation spearheaded by KMSS, AASU among others.



Conclusion:Meanwhile, officials in NEEPCO told ETV Bharat that the rescue team is likely to clean the rare basement of the four storey Umrangshu power station today.

"The rescue team have cleaned three storey. They are likely to reach to the last and forth storey today and we are hopeful to get trace of our missing officials," said H Bharali, coordinator, NEEPCO.

A high speed water pipeline burst on October 7 at Kopili hydro power station has not only led to massive flooding at the power station but three NEEPCO employee all g with a casual worker have also been missing since.

The three missing employees of the public sector unit (NEEPCO) have been identified as Prem Lal Balmiki, Robet Baite and Joy Singh Timung. The identity of the casual worker is yet to be ascertained.

The rescue operatiin is being conducted by a joint team of the National Disaster Response Force (NDRF) and State Disaster Response Force (DDRF). Officials said that the loose earth that fulled up the basement of the four storey power station is hampering the rescue work.

The Kopili hydro power plant is the first by the public sector unit set up in Assam in 1976. It was commissioned in 1984.

The power plant produces 275 MW of electricity, put of which 150 MW is allowed to Assam.

Talking to ETV Bharat, NEEPCO CMD VK Singh earlier said that the unabated coal minning in the surrounding areas was the major reason for the incident.

"Illegal minning in the adjacent areas of river Kopili has turned the water acidic and it led to the burst of pipeline," Singh said.

end.
Last Updated : Oct 19, 2019, 8:16 PM IST

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