भरतपुर. राजस्थान की राजनीति के इतिहास में मंगलवार को एक नया अध्याय जुड़ गया. पूर्वी राजस्थान के भरतपुर जिले के एक छोटे से गांव अटारी के रहने वाले भजनलाल शर्मा को राजस्थान के मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया है. किसान परिवार के भजनलाल शर्मा ने छात्र राजनीति से शुरुआत कर राजस्थान के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम की घोषणा के बाद उनकी माता गोमती देवी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि उनके बेटे भजनलाल शर्मा की पहली पसंद राजनीति थी.उन्होंने कभी भी नौकरी की तैयारी नहीं की.
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कभी नौकरी की तैयारी नहीं की: जिले के अटारी गांव के रहने वाले नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मां गोमती देवी ने बताया कि उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था. किसान परिवार से होने के बावजूद उन्होंने कभी भी किसी प्रतियोगी परीक्षा या नौकरी की तैयारी नहीं की. मां गोमती देवी ने बताया कि वो बेटे भजनलाल शर्मा को कई बार बोलते थे कि बेटा किसी नौकरी की तैयारी कर लो, लेकिन वो हमें बोल देते कि आप चिंता ना करें, मैं नौकरी की ही तैयारी कर रहा हूं.
मीडिया से मिली सूचना: माता गोमती देवी ने बताया कि मतदान के बाद भजनलाल शर्मा भरतपुर आए थे. माता-पिता का आशीर्वाद लिया था. उन्होंने बताया कि समाचारों से पता चला कि बेटा भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना दिया है. माता गोमती देवी और पिता कृष्ण लाल शर्मा ने बेटा के मुख्यमंत्री बनने पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया. साथ ही ही बांके बिहारी जी और बालाजी महाराज की कृपा बताई. माता गोमती देवी ने बताया कि बेटा भजनलाल शर्मा जब भी आते हैं माता पिता का आशीर्वाद लेते हैं. मां गोमती देवी ने भावुक होते हुए बताया कि बेटा आज भी गांव से जुड़ा हुआ है. गांव में आज भी खेती-बाड़ी है, लेकिन उसे बंटाई पर उठा देते हैं. उन्होंने बताया कि बेटा भजनलाल शर्मा आज भी गांव में समय समय पर आते जाते रहते हैं.
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पैतृक गांव में जश्न: सांगानेर से विधायक बने भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जवाहर नगर स्थित उनके मकान पर समर्थकों की भीड़ जुट गई. समर्थकों ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुने जाने पर जमकर आतिशबाजी की और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी.