नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में शनिवार तड़के पुलिस कॉन्स्टेबल किरण पाल की हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में पुलिस ने देर रात चलाए ऑपरेशन में मुख्य आरोपी राघव उर्फ रॉकी को ढेर कर दिया. पुलिस ने कहा, "आधी रात के करीब संदिग्ध की पहचान की गई और पुलिस कर्मियों ने उसे आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पर नजदीक से गोली चला दी. आत्मरक्षा में, पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे संदिग्ध को गोली लगी और वह घायल हो गया. उसे ईएसआईसी अस्पताल, ओखला ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
गश्त के दौरान हुई थी किरण पाल की हत्या: जानकारी के अनुसार, किरण पाल की 23 नवंबर की सुबह लगभग 5 बजे चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. वह उस समय गश्त पर थे जब उन्होंने स्कूटी पर सवार तीन संदिग्ध युवकों को रोकने की कोशिश की. इसी दौरान, आरोपियों ने कांस्टेबल के साथ झड़प की और एक आरोपी ने चाकू से उन पर हमला कर दिया. इस वारदात से पुलिस विभाग में एक हलचल सी मच गई, और अधिकारियों ने आरोपियों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम गठित की.
कालकाजी के एक फ्लैट में छिपा था आरोपी: पुलिस ने घटना के तुरंत बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की और दो आरोपी दीपक मैक्स और कृष गुप्ता को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया. डीसीपी संजीव सैन की देखरेख में रॉकी के संदिग्ध ठिकाने की पहचान की. शनिवार रात को पुलिस ने इसमें तेजी लाते हुए स्थानीय पुलिस और स्पेशल सेल की संयुक्त टीम के साथ एक ऑपरेशन चलाया. आरोपी कालकाजी के एक फ्लैट में छिपा हुआ था. हालांकि, आरोपी ने खुलेआम पुलिस पर गोलीबारी की, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके पैर में गोली मार दी. बाद में ओखला के अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
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कांस्टेबल किरण पाल का परिवार: बता दें कि, कांस्टेबल किरण पाल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के निवासी थे और 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे. उनके परिवार में उनकी मां, बड़े भाई और भाभी हैं. परिजनों का कहना है कि कर्तव्य की भावना में लिपटा किरण पाल हमेशा दूसरों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते थे.
आगे की कार्रवाई: दिल्ली पुलिस ने कांस्टेबल किरण पाल की हत्या के मामले में गंभीरतापूर्वक कार्रवाई की और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष उपाय किए. डीसीपी (अपराध) संजीव सैन ने मामले की प्रभावी जांच सुनिश्चित करते हुए कहा कि "हम इस तरह के अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगे."
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