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SDPI की मदद से प्रतिबंधित खुद को पुनर्जीवित करने पर ध्यान दे रहा है PFI : सूत्र

पिछले सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद, संगठन के नेता और कार्यकर्ता सक्रिय रूप से एसडीपीआई के साथ मिलकर एक युवा मोर्चा बनाने के लिए नए सदस्यों को शामिल कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि एसडीपीआई ने युवाओं को शामिल करते हुए एक नए संगठन का गठन के बारे में व्यापक संकेत भी दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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By ANI

Published : Sep 15, 2023, 11:42 AM IST

तिरुवनंतपुरम : प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य अपने राजनीतिक मोर्चे, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के माध्यम से एक नया संगठन लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि प्रतिबंधित संगठन ने अपने पुराने भर्ती तरीकों में कुछ बदलाव भी किए हैं. इसमें कहा गया है कि नई भर्ती प्रक्रिया में अब प्रत्येक क्षेत्र से 4 से 5 संभावित उम्मीदवारों को चुना जायेगा. उन्हें प्रशिक्षण और धन प्रदान किया जायेगा. इसके साथ ही अब संगठन का जोर पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनाने पर है.

इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि संगठन की योजना है कि जब एक बार फिर से उनके प्रभाव क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की संख्या उनके उम्मीद के मुताबिक हो जायेगी तो वह लोकसभा चुनाव से पहले रैलियां आयोजित करेंगे. अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले एसडीपीआई नए संगठन को लॉन्च करने की योजना बना रहा है. सूत्रों ने बताया कि पहले, पीएफआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं को धार्मिक केंद्रों और उनसे जुड़े संस्थानों में भर्ती किया जाता था.

सूत्रों ने बताया कि एक बार जब संगठन और उसका भर्ती पैटर्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गया, तो उसने नए सदस्यों को शामिल करने के लिए नए तरीके अपनाने शुरू कर दिये. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछले तीन महीनों में, दोनों संगठनों पीएफआई और एसडीपीआई के नेताओं ने त्रिवेन्द्रम में कई निजी बैठकें कीं. अगले कुछ महीनों में उत्तर भारत के राज्यों के नेताओं की भी इन गुप्त सभाओं में शामिल होने की उम्मीद है.

सूत्रों ने बताया कि अपने संचालन के दायरे का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पीएफआई ने साइबर विशेषज्ञों की भर्ती भी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि शामिल लोगों को इसके साइबर विंग के लिए काम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. माना जाता है कि संगठन ऐसे कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहा है, जो तकनीक रूप से सक्षम हैं. जिन्हें नये सदस्यों को जोड़ने की कला आती है और जो इसका इस्तेमाल संगठन का विस्तार करने के लिए कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि कई तकनीकी उद्यमियों ने भी संगठन को मजबूत बनाने में मदद के लिए निवेश किया है.

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कथित राष्ट्रविरोधी एजेंडे के लिए पिछले साल पीएफआई को पूरे देश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. यूएपीए के तहत संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है.

(एएनआई)

तिरुवनंतपुरम : प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य अपने राजनीतिक मोर्चे, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के माध्यम से एक नया संगठन लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि प्रतिबंधित संगठन ने अपने पुराने भर्ती तरीकों में कुछ बदलाव भी किए हैं. इसमें कहा गया है कि नई भर्ती प्रक्रिया में अब प्रत्येक क्षेत्र से 4 से 5 संभावित उम्मीदवारों को चुना जायेगा. उन्हें प्रशिक्षण और धन प्रदान किया जायेगा. इसके साथ ही अब संगठन का जोर पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनाने पर है.

इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि संगठन की योजना है कि जब एक बार फिर से उनके प्रभाव क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की संख्या उनके उम्मीद के मुताबिक हो जायेगी तो वह लोकसभा चुनाव से पहले रैलियां आयोजित करेंगे. अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले एसडीपीआई नए संगठन को लॉन्च करने की योजना बना रहा है. सूत्रों ने बताया कि पहले, पीएफआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं को धार्मिक केंद्रों और उनसे जुड़े संस्थानों में भर्ती किया जाता था.

सूत्रों ने बताया कि एक बार जब संगठन और उसका भर्ती पैटर्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गया, तो उसने नए सदस्यों को शामिल करने के लिए नए तरीके अपनाने शुरू कर दिये. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछले तीन महीनों में, दोनों संगठनों पीएफआई और एसडीपीआई के नेताओं ने त्रिवेन्द्रम में कई निजी बैठकें कीं. अगले कुछ महीनों में उत्तर भारत के राज्यों के नेताओं की भी इन गुप्त सभाओं में शामिल होने की उम्मीद है.

सूत्रों ने बताया कि अपने संचालन के दायरे का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पीएफआई ने साइबर विशेषज्ञों की भर्ती भी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि शामिल लोगों को इसके साइबर विंग के लिए काम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. माना जाता है कि संगठन ऐसे कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहा है, जो तकनीक रूप से सक्षम हैं. जिन्हें नये सदस्यों को जोड़ने की कला आती है और जो इसका इस्तेमाल संगठन का विस्तार करने के लिए कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि कई तकनीकी उद्यमियों ने भी संगठन को मजबूत बनाने में मदद के लिए निवेश किया है.

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कथित राष्ट्रविरोधी एजेंडे के लिए पिछले साल पीएफआई को पूरे देश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. यूएपीए के तहत संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है.

(एएनआई)

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