हैदराबाद : फिल्म निर्माता प्रकाश झा की वेब सीरीज आश्रम-3 दर्शकों का मनोरंजन कब करेगी, यह तो अभी तय नहीं है. इसकी शूटिंग अभी भोपाल में चल ही रही है. फिल्म कंप्लीट होगी तो ओटीटी पर आएगी, मगर उससे पहले ही धर्म के एक्शन और क्षेत्रवाद के इमोशन की इसमें एंट्री हो गई. बवाल अभी थमा नहीं है. प्रतिक्रियाओं का दौर चालू है और निर्माता प्रकाश झा खामोशी से फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं.
भोपाल में आश्रम-3 की शूटिंग सेट पर बजरंग दल ने जमकर तोड़फोड़ की. प्रकाश झा के ऊपर भी स्याही फेंकी गई थी. बजरंग दल का आरोप है कि इस वेब सीरीज में हिंदू धर्म के प्रतीकों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मारपीट हो गई तो पहले मध्यप्रदेश में ही राजनीतिक हायतौबा मची.
साध्वी प्रज्ञा ने सनातन संस्कृति का झंडा उठाया. साध्वी प्रज्ञा ने ऐलान कर दिया कि अब कोई फिल्म बनने से पहले उनकी स्क्रिप्ट देखी जाएगी, फिल्म या वेब सीरीज में कुछ आपत्तिजनक कंटेंट मिलने पर उसे हटाया जाएगा. सेंसर के भारत भक्ति अखाड़ा अलग से एक विभाग बनाएगा. बता दें कि साध्वी प्रज्ञा भारत भक्ति अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं.
दिग्विजय सिंह ने साध्वी के सेंसरशिप स्टाइल पर सवाल उठाया और प्रकाश झा की चुप्पी पर भी सवाल दाग दिए. उन्होंने सोशल मीडिया पर उन्होंने जर्मन कवि पादरी मार्टिन निमोलर की कविता शेयर करते हुए लिखा- यह फासीवाद है प्रकाश जी. मत भूलो.. वे किसी को नहीं बख्शेंगे! साथ में उन्होंने दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को गुंडों का दल बता दिया.
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First they came for the Socialists, and I did not speak out—
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Because I was not a Socialist.
Then they came for the Trade Unionists, and I did not speak out—
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1/2 #PrakashJha #KaranJohar
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इसके जवाब में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा बयानबाजी के मैदान में उतरे. उन्होंने कहा कि मस्जिद, मज़ार और चर्च पर क्यों नहीं फिल्म बनाते. हर बार हिन्दू धर्म पर क्यों फिल्म बनाई जाती है? उन्होंने दिग्विजय सिंह से पूछा कि ईद पर जबलपुर में पुलिस पर हमला करने वाले क्या शांति दूत थे?
शोरगुल के बाद आखिरी में मध्यप्रदेश के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा भी है कि प्रदेश सरकार शूटिंग के लिए अलग से नीति बनाएगी. फिल्मों और वेब सीरीज की स्क्रिप्ट देखने के बाद ही उनकी शूटिंग की इजाजत दी जाएगी.
जब मध्यप्रदेश में इतना हंगामा हो रहा था तो बिहार में विपक्ष इस मुद्दे पर गरम था. उनके गुस्से का कारण था, मध्यप्रदेश में बिहारी का अपमान. प्रकाश झा बिहारी हैं. बिहारी अस्मिता की लड़ाई की कमान लालू प्रसाद यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने संभाली है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पूछ लिया कि जब एक प्रसिद्ध बिहारी फ़िल्म निर्माता के साथ दुर्व्यवहार हुआ तो मध्यप्रदेश सरकार से औपचारिक विरोध दर्ज क्यों नहीं कराया.
क्या उपचुनाव से इस हंगामे का रिश्ता है. : मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट तथा रैगांव, पृथ्वीपुर एवं जोबट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. सभी सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी. ये सभी सीटें यहां के जनप्रतिनिधियों के निधन से खाली हुई हैं. कांग्रेस का आरोप है कि आश्रम-3 का विवाद दरअसल उपचुनाव के पहले ध्रुवीकरण की कोशिश का नतीजा है. हालांकि बीजेपी ने इससे इनकार किया है.
धार्मिक अखाड़े में कई फिल्मी सेट पर हुई उठापटक
- 2000 में कनैडियन डायरेक्टर दीपा मेहता अपनी ट्रायलोजी की तीसरी फिल्म वॉटर बना रही थीं. इससे पहले उनकी दो फिल्मे अर्थ और फायर से हिंदू संगठन के लोग नाराज थे. वॉटर के सेट पर भी खूब तोड़फोड़ हुई थी. इसके बाद दीपा मेहता ने 2005 में इस फिल्म को कंप्लीट किया. इन पांच साल में फिल्म की स्टारकास्ट बदल गई.
- 2017 में संजय लीला भंसाली जयपुर में पद्मावत की शूटिंग कर रहे थे, तब शिवसेना ने सेट पर हमला किया. करणी सेना भी राजा-रानियों के चरित्र हनन से दुखी थी. हंगामा इतना बढ़ा कि संजय लीला भंसाली को शूटिंग रोकनी पड़ गई थी.
- 2008 में डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर की जोधा अकबर का विरोध करणी सेना ने इस कदर किया कि कोई कोई सिनेमा हॉल फिल्म को रिलीज करने के लिए तैयार नहीं हुआ. बाद में फिल्म तो रीलीज हुई मगर राजस्थान में इसका प्रदर्शन नहीं किया गया.
- एक और फिल्म बनकर तैयार है, जिसके सेट पर भी हंगामा हुआ था. अक्षय कुमार अभिनीत पृथ्वीराज, जिसके डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी हैं. करणी सेना को इसके टाइटल पर आपत्ति थी. वह टाइटल को पृथ्वीराज चौहान करने की मांग कर रहे थे.