नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) अवैध व नकली नोट को लेकर खुफिया एजेंसियों के साथ बैठक (meeting with agencies) की अध्यक्षता की है. जिसमें इस खतरे से लड़ने की अपनी क्षमता में सुधार करने का निर्देश (instruction to improve ability) भी दिया.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि शाह ने हाल ही में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में उन्हें निर्देश दिया कि वे भारतीय बाजार में इस तरह के फंड के प्रवाह को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करने की क्षमता में सुधार करें.
गृह मंत्री ने आईबी और एनआईए के अधिकारियों को सभी संबंधित वित्तीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया है. शाह ने अधिकारियों से अवैध धन पर नकेल कसने के लिए खुफिया साझाकरण तंत्र में सुधार करने के लिए भी कहा है. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि अवैध धन प्रवाह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूत नियम बनाने के बावजूद केंद्रीय खुफिया एजेंसियां अभी इसे समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रही हैं.
दिलचस्प बात यह है कि जब से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने वित्तीय मामलों की जांच शुरू की है, जिसमें भारत की सुरक्षा के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सुधार है, इसने कई लोगों को अवैध धन के कारोबार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 में संशोधन के बाद यदि भारत के हितों को लक्षित किया जाता है, तो इसे विदेशी धरती पर जांच करने का अधिकार दिया गया है.
एनआईए ने गुरुवार को नकली भारतीय मुद्रा नोट कारोबार में शामिल एक आरोपी सरीफुल इस्लाम के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. सरीफुल पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है. जांच में आगे पता चला कि आरोपी सरीफुल बांग्लादेश स्थित तस्करों और नकली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) की अवैध तस्करी में शामिल साजिशकर्ताओं के संपर्क में था.
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एनआईए (National Investigation Agency) ने पिछले दो साल के दौरान एफआईसीएन से जुड़े 22 मामले दर्ज किए हैं. इन 22 मामलों में से 12 मामले उच्च गुणवत्ता वाली भारतीय जाली मुद्रा की जब्ती से संबंधित हैं. इसके अलावा आतंक और नकली मुद्रा मामलों की केंद्रित जांच के लिए एनआईए में आतंकी फंडिंग और नकली मुद्रा प्रकोष्ठ (टीएफएफसी) का गठन किया गया है.