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बंगाल में टीईटी परीक्षा में सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए,प्रश्नपत्र लीक होने से शिक्षा मंत्री का इनकार

पश्चिम बंगाल प्राथमिक अध्यापक के करीब 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में करीब सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने टीईटी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से इनकार किया है. पढ़िए पूरी खबर...

7 lakh candidates appear in TET exam
टीईटी परीक्षा में सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए
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Published : Dec 11, 2022, 6:54 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक अध्यापक के करीब 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में रविवार को करीब सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) ने पांच साल के अंतराल के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राज्य भर में 1,460 परीक्षा केंद्रों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की.

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने टीईटी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से इनकार किया और आरोप लगाया कि कुछ लोग व्हाट्सऐप पर फर्जी प्रश्नपत्र प्रसारित कर ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं. बसु ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि कुछ लोगों द्वारा प्रक्रिया को पटरी से उतारने और ममता बनर्जी सरकार की छवि खराब करने के प्रयास किए जाने के बावजूद परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की जा सकी.

प्रश्नपत्र लीक होने से इनकार करते हुए मंत्री ने कहा, 'सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा कथित प्रश्नपत्र फर्जी है और वास्तविक प्रश्नपत्र से इसका कोई संबंध नहीं है.' उन्होंने कहा कि डब्ल्यूबीबीपीई ने व्हाट्सऐप पर फर्जी सामग्री के प्रसार के बारे में साइबर अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को चुचुरा में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा टीईटी परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'मुझे कई अभ्यर्थियों से शिकायत मिली है कि उन्हें फोन पर पेशकश की गई कि अगर वे एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं तो उन्हें परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र मिल जाएंगे. मुझे उम्मीद है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस तरह का कोई कदाचार नहीं होगा, अन्यथा इस तरह की परीक्षा आयोजित करने का कोई मतलब नहीं है और यह एक तमाशा बन जाएगा.' अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के लगभग 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए टीईटी परीक्षा आयोजित की कई और लगभग सात लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए.

वर्ष 2014 के टीईटी परीक्षा परिणाम के आधार पर की गई प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती कथित अनियमितताओं को लेकर विवादों के घेरे में है और कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इसकी जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें - CBSE and ICSE Exam for 10th and 12th : 15 फरवरी से होंगी बोर्ड की परीक्षाएं, जनवरी में होगें प्रैक्टिकल

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक अध्यापक के करीब 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में रविवार को करीब सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) ने पांच साल के अंतराल के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राज्य भर में 1,460 परीक्षा केंद्रों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की.

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने टीईटी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से इनकार किया और आरोप लगाया कि कुछ लोग व्हाट्सऐप पर फर्जी प्रश्नपत्र प्रसारित कर ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं. बसु ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि कुछ लोगों द्वारा प्रक्रिया को पटरी से उतारने और ममता बनर्जी सरकार की छवि खराब करने के प्रयास किए जाने के बावजूद परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की जा सकी.

प्रश्नपत्र लीक होने से इनकार करते हुए मंत्री ने कहा, 'सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा कथित प्रश्नपत्र फर्जी है और वास्तविक प्रश्नपत्र से इसका कोई संबंध नहीं है.' उन्होंने कहा कि डब्ल्यूबीबीपीई ने व्हाट्सऐप पर फर्जी सामग्री के प्रसार के बारे में साइबर अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को चुचुरा में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा टीईटी परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'मुझे कई अभ्यर्थियों से शिकायत मिली है कि उन्हें फोन पर पेशकश की गई कि अगर वे एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं तो उन्हें परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र मिल जाएंगे. मुझे उम्मीद है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस तरह का कोई कदाचार नहीं होगा, अन्यथा इस तरह की परीक्षा आयोजित करने का कोई मतलब नहीं है और यह एक तमाशा बन जाएगा.' अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के लगभग 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए टीईटी परीक्षा आयोजित की कई और लगभग सात लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए.

वर्ष 2014 के टीईटी परीक्षा परिणाम के आधार पर की गई प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती कथित अनियमितताओं को लेकर विवादों के घेरे में है और कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इसकी जांच की जा रही है.

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(पीटीआई-भाषा)

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