जयपुर. राजस्थान में सियासी घमासान (Rajasthan Political Crisis) को विराम देते हुए सीएम अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reorganisation) हो चुका है. इसके साथ ही सीएम गहलोत के सलाहकार के रूप में 6 विधायकों को नियुक्त किया गया है. हालांकि, खास बात यह है कि इन विधायकों में सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप के किसी भी विधायक को शामिल नहीं किया गया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी की गई सूची में 6 विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) के सलाहकार (CM Gehlot Advisor) के रूप में नियुक्ति दी गई है. जिसमें डॉ. जितेंद्र सिंह, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा, दानिश अबरार को सलाहकार बनाया गया है.
संभवत पहली बार विधायक सलाहाकार
राजनीति के जानकारों की माने तो ऐसा राजस्थान में संभवत: पहली बार है, जब किसी विधायक को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है. अब तक मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में पूर्व आईएएस या विषय विशेषज्ञों को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जाता रहा है. मुख्यमंत्री के सलाहकार को राजकीय सेवा के लाभ दिए जाते हैं. हालांकि इन विधायकों को किस प्रक्रिया के तहत नियुक्त किया है, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है.
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तीन वरिष्ठ-तीन युवा शामिल
मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में जिन छह विधायकों को नियुक्त किया गया है. उनमें तीन विधायक पूर्व मंत्री रह चुके हैं. जिसमें डॉ. जितेंद्र सिंह, ऊर्जा मंत्री बाबूलाल नागर, खाद्य नागरिक नागरिक आपूर्ति मंत्री, राजकुमार शर्मा चिकित्सा राज्यमंत्री के रूप में पिछली गहलोत सरकार में शामिल थे. वहीं, तीन युवा जिसमें संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा और दानिश अबरार के युवाओं के रूप में अनुभव देंगे.
पायलट कैंप को नहीं बनाया सलाहाकार
नवनियुक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार में पायलट समर्थक किसी भी विधायक को शामिल नहीं किया गया है. खास बात यह है कि 6 सलाहकारों में से तीन निर्दलीय विधायक जिसमें बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा है. यह तीनों विधायक वे हैं, जो कांग्रेस पार्टी के विधायक तो नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी और विश्वसनीय माने जाते हैं. पिछले साल राजनीतिक उठापटक के समय यह तीनों निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. जिसका लाभ उन्हें सलाहकार के रूप में मिला है.