Shajapur Teachers Day: ऐसे शिक्षक जो अपने पैर की अंगुलियों से लिखकर बच्चों को हैं पढ़ाते, देखें इनकी संघर्ष का वीडियो - शाजापुर दिव्यांग शिक्षक
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शाजापुर। शाजापुर जिले के एक सरकारी स्कूल में दिव्यांग शिक्षक बच्चों को अनोखे तरीके से पढ़ा रहे हैं. सिद्धनाथ वर्मा हरायपुरा के कन्या माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में सेवारत हैं. सिद्धनाथ वर्मा का जन्म शाजापुर की तहसील मोहन बड़ोदिया के करजू गांव में हुआ. जन्म से ही सिद्धनाथ के दोनों हाथ नहीं हैं और बायां पैर दाहिने पैर की अपेक्षा छोटा है. इस दिव्यांगता की वजह से प्राथमिक स्कूल में प्रवेश लेने में भी उनके माता-पिता को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. जैसे-तैसे स्कूल में प्रवेश लिया और हाथ नहीं होने की वजह से पैरों से लिखना शुरू कर दिया. दोनों पैरों से ही उन्होंने अपने जीवन का संघर्षमयी इतिहास लिखा है. आर्थिक तंगी के बावजूद वर्मा ने ग्राम अभयपुर से हाईस्कूल तक पढ़ाई के बाद शाजापुर से स्नातक, एमकॉम और एलएलबी के बाद बीएड तक शिक्षा प्राप्त की. अपनी संघर्षपूर्ण जीवन और शिक्षा की बदौलत उन्हें साल 1989 में सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई. अपनी कक्षा में अध्यापन कराने के लिए भी वे अपने पैरों का उपयोग करते हैं. पैरों की अंगुलियों से चॉक उठाकर वे बोर्ड पर लिखकर विद्यार्थियों को बखूबी पढ़ाते हैं. इस साहस और प्रतिभा की देशभर में चर्चा चली और साल 2007 में शिक्षक वर्मा को उनकी उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. इसके पहले 1998 में पीएम अटलबिहारी वाजपेयी ने इन्हें सम्मानित किया था. Teachers Day Special, Shajapur MP Teachers Day, Shajapur Handicapped Teacher Siddhanth Verma