सबसे बड़े शुभंकर हैं गणपति, माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह में भी हुई थी गणेश की पूजा - भगवान गणेश से जुड़ी कथाएं,
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भोपाल। Ganesh Chaturthi 2021: भगवान गणेश (Lord Ganesh) मांगलिक कार्य के शुभंकर माने जाते हैं, क्योंकि वे देवताओं में प्रथम पूज्य हैं, श्रेष्ठ है. इसलिए इन्हें सर्वत्र स्थापित किया जाता है. ठीक इसी तरह स्वास्तिक और ॐ भी हमारे शुभंकर हैं. ग्रंथों में ॐ और स्वास्तिक को भी गणेश के ही रूप में व्यक्त किया गया है. आज हम जानते हैं गणेश जी के गणपति या गणाध्यक्ष स्वरूप (Ganadhyaksha Swarup) के बारे में. पंडित विष्णु राजोरिया बताते है कि गणपति जी दुनिया के पदार्थ मात्र के स्वामी हैं. पुराणों में भगवान गणेश के जन्म को लेकर कई कथाएं हैं. कथा के अनुसार माता पार्वती और शिव जी के विवाह के समय भगवान गणेश का पूजन हुआ था. तो सवाल उठता है कि जब माता पार्वती और भगवान शिव गणेश के माता-पिता हैं, तो उन्होंने विवाह में गणेश पूजन कैसे किया? कोई भी व्यक्ति इस बात का संशय बिल्कुल ना करें. क्योंकि देवता (गणपति) अनादि हैं. तात्पर्य है कि भगवान श्री गणेश किसी के भी पुत्र नहीं है, वह अनादि और अनंत है. वेदों में इनका वर्णन गणेश ना होकर गणपति या फिर ब्रह्मणसपति के नाम से है. ऋग्वेद के मंत्रों में भी गणेश जी के उपरोक्त नाम से जाना जाता है.