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बालाघाट। हर साल की तरह इस साल भी बालाघाट जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व में सैलानियों के लिए उद्यान 1 अक्टूबर से खोला जाएगा. उसके ठीक पहले यहां सात दिवसीय हाथी रिजुविनेशन कैंप का आयोजन किया गया. हाथियों के इस रिजुविनेशन कैंप में 18 विभागीय हांथियों के स्वास्थ्य की विशेष देखरेख की गई. साथ ही सभी महावत और चाराकटर विभागीय हाथियों के पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी सेवा में लगे रहे. बता दें, प्रारंभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग कास्ट परिवहन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु गश्ती में किया जाता रहा है. वहीं साल में एक बार हाथियों और उनके महावत के वर्ष पर्यंत कठिन परिश्रम के फलस्वरुप हुई थकान एवं स्वास्थ्य विषयक कारणों से आराम की आवश्यकता होती है. जिसके लिए सात दिवसीय कैंप लगाया जाता है. इस दौरान हाथियों को नहलाकर रिजुविनेशन कैंप में लाया जाता है. जहां हाथियों के पैर में नीम का तेल और सिर में अरंडी के तेल से मालिश की जाती है. गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि विशेष फलों को खिलाकर उन्हें जंगल में पुनः छोड़ दिया जाता है.