Sawan Somwar 2023: नर्मदापुरम में मौजूद है प्रसिद्ध तिलक सिंदूर मंदिर, सिंदूर से होता है भगवान शिव का पूजन-अभिषेक
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नर्मदापुरम। वैसे तो सावन माह को भगवान शिव की स्तुति का माह माना जाता है, लेकिन सावन माह के सोमवार को भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगती है. जिले की सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में भोलेनाथ का प्रसिद्ध धाम तिलक सिंदूर है. यहां भगवान शिव का विशाल शिवलिंग विराजित है. पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यहां शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाया जाता है, तभी भगवान भोलेनाथ भक्त पर प्रसन्न होते हैं. पूजा पद्धति के कारण ये विश्व का इकलौता शिवलिंग है. जहां पर भगवान का पूजन अभिषेक सिंदूर से होता है. दरअसल, इस मंदिर का संबंध गौड़ जनजाति से है और आदिवासी पूजा-अर्चना के दौरान सिंदूर का उपयोग करते हैं. आज भी यहां पर प्रथम पूजा का अधिकारी आदिवासी समाज के प्रधान जिसे भौमका कहा जाता है उनके परिवार को है. आदिवासी समुदाय भगवान भोलेनाथ को बड़े देव के नाम से पूजता है. मंदिर पुजारी रामदयाल नागले बताते हैं की इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जब राक्षस भस्मासुर भगवान शिव पर अपना हाथ रखने आया था, तो भगवान शिव इसी जगह पर आकर छिपे थे और यहां से सुरंग के रास्ते होते हुए पचमढ़ी पहुंचे थे. बताया जाता है कि वो सुरंग आज भी यहां मौजूद है और लोग यहां पर आकर पूजा करते हैं. साथ ही साथ भगवान शिव को सिंदूर का तिलक लगाते हैं. जिसकी वजह से इस मंदिर को तिलक का मंदिर भी कहते हैं.