Holi 2023: पारंपरिक गीतों के बिना सूना है होली का त्योहार, बुंदेलखंडी अंदाज में सुनिए "आज बिरज में होली रे रसिया" - आज बिरज में होली है रे रसिया
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/640-480-17931883-thumbnail-4x3-holii.jpg)
जबलपुर। 8 मार्च को होली का त्योहार मनाया जा रहा है. रंगों के इस त्योहार पर लोग आपसी बैर और मनमुटाव को भुलाकर दूरियां कम करने का प्रयास करते हैं. इस त्योहार पर एक ओर जहां रंग और अबीर लोगों को करीब लाकर दूरियां मिटाने में मदद करते हैं तो वहीं गीत-संगीत का भी इस दिन खास महत्व है. भारतीय संस्कृति में कोई भी त्योहार बिना गीत-संगीत के पूरा नहीं हो सकता. हर त्योहार के गीतों की अलग श्रृंखला होती है. होली के त्योहार पर भी गीत-संगीत की परंपरा है, जिसे आज भी स्थानीय स्तर पर लोक कलाकारों द्वारा निभाया जाता है. होली के मौके पर राई और फाग गीतों को विशेष महत्व है. ऐसे में होली पर हम आपके लिए रंगों की बौछार के साथ बुंदेली स्वर और गीतों का प्रस्तुति लेकर आए हैं. आइए आपको भी सुनाते हैं होली की राई और फाग.