मां हिंगलाज के दरबार से नहीं जाता कोई खाली, सबकी झोलियां भरती हैं माता... - Damoh Hinglaj Mata Story
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दमोह। ऐसी मान्यता है कि जिले के इकलौते हिंगलाज माता मंदिर में नि:संतान महिलाओं की संतान से झोलियां भर जाती हैं. यह मंदिर हटा ब्लॉक के खड़पुरा गांव में है. कहते हैं जिसकी जैसी मनोकामना होती है वह मां के दरबार में वैसी ही अर्जी लगाता है. मां भी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. हम बात कर रहे हैं दमोह जिले के हटा ब्लाक के खड़पुरा गांव में विराजमान माता हिंगलाज की महिमा की. ग्रामीण बताते हैं कि यहां दिल्ली, ग्वालियर, सागर, दमोह, जबलपुर सहित कई जिलों से श्रद्धालु मां के दरबार में संतान प्राप्ति के लिए हाजिरी लगाते हैं. मनौती पूरी होने के बाद मां के दरबार में पीतल का घंटा चढ़ाते हैं. यह घंटा इस बात का प्रमाण है कि मनोकामना पूरी हो गई है. गांव की 70 वर्षीय महिला पानबाई वर्मन कहती हैं कि "जो महिला माता हिंगलाज की एक बार भभूति खा लेती हैं. उसके यहां संतान होती ही है. दूरदराज से संतान की प्राप्ति के लिए लोग आते हैं और इनकी मुराद को माता पूरी करती हैं."