'साहित्य में कालजई क्षमता, भाषा का मूल आधार उसकी बोलियां'
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अनूपपुर। तुलसी महाविद्यालय द्वारा सामाजिक सरोकारों को लेकर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 18 और 19 मार्च को महाविद्यालय प्रांगण के सभागार में संपन्न होगा. तुलसी महाविद्यालय के प्रचार डॉ. परमानंद तिवारी ने बताया कि साहित्य समाज और मानवीय जीवन की विकास यात्रा का साक्षी है. निरंतर हर परिवर्तन का भागीदार बना रहता है. साहित्य में कालजई क्षमता होती है, भाषा का मूल आधार उसकी बोलियां होती हैं. जिससे क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं का शहर समावेश होता है.