सौहार्द की मिसाल : गैर मुस्लिम महिलाओं ने पहना हिजाब, रोजा रख दिया एकता का संदेश

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बेंगलुरु में सामाजिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली, जब गैर-मुस्लिम महिलाओं के एक समूह ने रमजान का उपवास रखा. उन्होंने हिजाब पहना और मुस्लिम महिलाओं के साथ उपवास तोड़ा. सामाजिक कार्यकर्ता विद्या दिनकर ने कहा, 'हमने बहुत अच्छा समय बिताया. उन्होंने (मुस्लिम मेजबानों) ने हमें समझाया कि कैसे उपवास का अभ्यास सहनशीलता को बढ़ाता है और आपको एक बेहतर इंसान बनाता है.' सैयद नसरीन ने सभी को हेडगियर (हिजाब) भेंट किए. उन्होंने हिजाब पहना और यहां तक ​​कि प्रतीकात्मक रूप से उपवास तोड़ने के बाद आयोजित प्रार्थना (नमाज) में भी भाग लिया. इफ्तार पार्टी में शामिल एक अन्य महिला पायल मिश्रा ने कहा कि यह प्यार के एक द्वीप की तरह है. उन्होंने कहा, 'आज के समय में जो नफरत और असहिष्णुता का माहौल बनाया जा रहा है उसमें हमें प्यार के ऐसे और भी कई द्वीप बनाने की जरूरत है.' उन्होंने निहित स्वार्थों के कारण बनाए गए घृणा के माहौल की निंदा की और आशा व्यक्त की कि समुदायों के बीच आपसी सम्मान नफरत के माहौल को हरा देगा. उन्होंने कहा कि नफरत करने वाले नफरत के बीज बोएंगे लेकिन लोगों का भाईचारा उनके एजेंडे को हरा देगा.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST

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