विदिशा। ग्यारसपुर जनपद की ग्राम पंचायत खिरिया जागीर से मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है, दरअसल ग्राम खैरयाई में भारी बारिश के बीच 55 वर्षीय मृतक फूल सिंह कुशवाहा का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शव को जलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं, अंतिम संस्कार में गए लोग भी बारिश में भीगते हुए खड़े रहे. बता दें कि सरकारें विकास के लाखों दावे कर रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर है. ग्रामीण क्षेत्र से सामने आई इसकी तस्वीर ने विकास की पोल खोल दी है. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, दूसरी ओर ग्राम खैरयाई में अंतिम संस्कार करने के लिए ग्राम पंचायत के द्वारा अभी तक श्मशान घाट का निर्माण नहीं कराया गया है. इसके कारण गांव में कभी बारिश के समय किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसका दाह संस्कार करने के लिए बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ता है.
पन्नी से ढककर करना पड़ता है दाह संस्कारः वहीं, मृतक के पुत्र बृजेश कुशवाह ने बताया है कि बरसों से इसी ग्राम में निवास कर रहे हैं, लेकिन पंचायत की ओर से अभी तक दाह गृह नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यदि दाह संस्कार कर भी देते हैं, तो जलती चिता के ऊपर पन्नी ढककर दाह संस्कार करना पड़ता है, जिससे कि दूसरों की जान भी खतरे में आ जाती है.
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श्मशान घाट पर निर्माण सेट को नहीं मिली स्वीकृतिः इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच निरंजन कुशवाह से बात की गई तो उन्होंने बताया है कि "यहां पर 35 से 40 परिवारों की बस्ती है. 350 से 400 लोग यहां पर निवास करते हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं शासन प्रशासन के लोगों से आवेदन देकर श्मशान घाट पर निर्माण सेट के लिए बोला जाता है, परंतु अभी तक किसी प्रकार के निर्माण के लिए स्वीकृति नहीं मिली है." दूसरी ओर इस संबंध में सचिव इकरार अली ने बताया है कि "यह ग्राम राजस्व में नहीं आता है इसलिए स्वीकृति नहीं मिल पा रही है."