विदिशा। कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने कोविड को लेकर शासन और प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कोरोना से मौत मैं हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. शंशाक भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकारी आंकड़ों और श्मशान घाट, नगर पालिका से जुटाए आंकड़ों में अंतर बताया. शशांक भार्गव ने प्रशासन पर मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया.
मौत के आंकड़ों मे हेरफेर का आरोप
विदिशा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विदिशा के मुक्तिधाम, भोर घाट श्मशान और नगर पालिका से जुटाए आंकड़ों के अनुसार कुल 900 मौत और अंतिम संस्कार हुए हैं. जबकि मेडिकल कॉलेज कोविड-19 सिर्फ 471 मौत बता रहा है. शशांक भार्गव ने कहा कि यदि सही माना जाए तो शासन द्वारा बताए गए मौत के 169 आंकड़े आखिर कहां से आए. शशांक भार्गव ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन जिस प्रकार से काम कर रहा है उससे साफ है कि असलीयत को छिपाया जा रहा है.
अपनो को खोने वाले सरकार को घेरेंगे
शशांक भार्गव ने कहा कि जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया अब वही सरकार को घेरेगे क्योंकि सरकार ने कोविड-19 की वजह से मृत हुए लोगों को एक लाख देने का और अनाथ हुए बच्चों को पांच हजार मासिक देने का ऐलान किया है. इसके अलावा उन्होंने विदिशा शहर में व्यापारियों पर प्रशासन द्वारा रेडक्रॉस और रोगी कल्याण समिति की रसीद के ऊपर मनमानी चालानी कार्रवाई करने पर भी आपत्ति लगाई है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने व्यापारियों को चोर साबित कर दिया है.
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कार्रवाई नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट
शशांक भार्गव ने मौतों के हेरफेर के लिए डॉ. पंकज जैन, कलेक्टर और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील आनंदेश्वर को दोषी बताते हुए उन पर कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पद से हटाने और न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने 8 दिन के अंदर यदि इस मामले की जांच और कार्यवाही नहीं होने पर खुद कोर्ट जाने की बात भी कही है.