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राम मंदिर निर्माण को लेकर बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

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Published : Jul 26, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:54 PM IST

विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में बताया कि राम मंदिर आंदोलन से पहले साधु-संतों ने हिंदू समाज के लोगों ने 75 अन्य आंदोलन और चलाए थे जब कहीं जाकर 76वें आंदोलन में मंदिर निर्माण का यह रास्ता प्रशस्त हुआ था. मंदिर निर्माण के लिए विहिप बजरंग दल ने दो लाख गांवों में सीधा संपर्क कर दो करोड़ लोगों से धन संग्रह किया था.

VHP-Bajrang Dal regional minister Rajesh Tiwari
विहिप-बजरंग दल ने क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी

विदिशा। 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 200 से अधिक लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस दौरान पीएम मोदी राम मंदिर जन्मभूमि पर मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही मोदी भूमि का पूजन भी करेंगे. पूजन कार्यक्रम से पहले ईटीवी भारत ने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी से की खास बातचीत की. चर्चा में बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश से भी राम मंदिर आंदोलन के लिए हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या गए थे.

विहिप-बजरंग दल ने क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी

विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि राम मंदिर आंदोलन से पहले साधु-संतों ने हिंदू समाज के लोगों ने 75 अन्य आंदोलन और चलाए थे जब कहीं जाकर 76वें आंदोलन में मंदिर निर्माण का यह रास्ता प्रशस्त हुआ था. मंदिर निर्माण के लिए विहिप बजरंग दल ने दो लाख गांवों में सीधा संपर्क कर दो करोड़ लोगों से धन संग्रह किया था.

क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से ही लाखों की तादात में कारसेवक गए थे. 1992 के समय मंदिर निर्माण से पूर्व बजरंग दल के कार्यकर्ता हाथ ठेलों के माध्यम से गांव-गांव में जाकर राम शिला की पूजा करते थे.

राम मंदिर राजनीतिक मुद्दा था ही नहीं

राजेश तिवारी ने बताया कि विहिप बजरंग दल उस समय पर अपने कार्यकर्ताओं से आत्म बलिदानी नाम से एक फॉर्म भरवा तथा जिसे भी हजारों कार्यकर्ताओं ने भरकर मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन तक को दांव पर लगा दिया था. इसी प्रकार राम मंदिर मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनाने के सवाल पर जवाब देते हुए तिवारी ने कहा कि राम मंदिर कभी भी राजनीतिक मुद्दा नहीं था. वह जन भावनाओं और आस्थाओं का मुद्दा था जिससे भारत ही नहीं पूरे विश्व में रहने वाले हिंदुओं की आस्था राम के प्रति जुड़ी हुई थी.

काशी-मथुरा के मंदिरों के लिए क्या आंदोलन चलेगा ?

राजेश तिवारी ने राम मंदिर, धारा-370 और 35-A ,सीएए जैसे मुद्दों को देशभक्ति का और राष्ट्रीयता का मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की प्राथमिकता पहले राम मंदिर की है. राजेश तिवारी बोले कि अभी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का एक ही मुख्य उद्देश्य है और वो है मंदिर निर्माण का, जो पूरा हो रहा है. उसके बाद ही किसी अन्य मुद्दे पर हम चर्चा करेंगे.

विदिशा। 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 200 से अधिक लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस दौरान पीएम मोदी राम मंदिर जन्मभूमि पर मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही मोदी भूमि का पूजन भी करेंगे. पूजन कार्यक्रम से पहले ईटीवी भारत ने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी से की खास बातचीत की. चर्चा में बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश से भी राम मंदिर आंदोलन के लिए हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या गए थे.

विहिप-बजरंग दल ने क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी

विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि राम मंदिर आंदोलन से पहले साधु-संतों ने हिंदू समाज के लोगों ने 75 अन्य आंदोलन और चलाए थे जब कहीं जाकर 76वें आंदोलन में मंदिर निर्माण का यह रास्ता प्रशस्त हुआ था. मंदिर निर्माण के लिए विहिप बजरंग दल ने दो लाख गांवों में सीधा संपर्क कर दो करोड़ लोगों से धन संग्रह किया था.

क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से ही लाखों की तादात में कारसेवक गए थे. 1992 के समय मंदिर निर्माण से पूर्व बजरंग दल के कार्यकर्ता हाथ ठेलों के माध्यम से गांव-गांव में जाकर राम शिला की पूजा करते थे.

राम मंदिर राजनीतिक मुद्दा था ही नहीं

राजेश तिवारी ने बताया कि विहिप बजरंग दल उस समय पर अपने कार्यकर्ताओं से आत्म बलिदानी नाम से एक फॉर्म भरवा तथा जिसे भी हजारों कार्यकर्ताओं ने भरकर मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन तक को दांव पर लगा दिया था. इसी प्रकार राम मंदिर मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनाने के सवाल पर जवाब देते हुए तिवारी ने कहा कि राम मंदिर कभी भी राजनीतिक मुद्दा नहीं था. वह जन भावनाओं और आस्थाओं का मुद्दा था जिससे भारत ही नहीं पूरे विश्व में रहने वाले हिंदुओं की आस्था राम के प्रति जुड़ी हुई थी.

काशी-मथुरा के मंदिरों के लिए क्या आंदोलन चलेगा ?

राजेश तिवारी ने राम मंदिर, धारा-370 और 35-A ,सीएए जैसे मुद्दों को देशभक्ति का और राष्ट्रीयता का मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की प्राथमिकता पहले राम मंदिर की है. राजेश तिवारी बोले कि अभी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का एक ही मुख्य उद्देश्य है और वो है मंदिर निर्माण का, जो पूरा हो रहा है. उसके बाद ही किसी अन्य मुद्दे पर हम चर्चा करेंगे.

Last Updated : Jul 26, 2020, 10:54 PM IST
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