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2019 का सफर नामा: विदिशावासियों के दिलों में आज भी जिंदा हैं सुषमा 'दीदी'

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Published : Dec 26, 2019, 2:52 PM IST

साल 2019 में बीजेपी ने अपने कई हीरे गवां है. पूर्व विदेश मंत्री और प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ने निधन से बीजेपी को बड़ी राजनीति क्षति हुई थी. वहीं विदिशावासियों के लिए भी इसे बड़े नुकसान हुआ.

Didi is still alive in Vidisha's heart
विदिशा वासियों के दिल में आज भी जिंदा है दीदी

विदिशा। साल 2019 में देश ने कई कीर्तिमान हासिल किए. लेकिन भारतीय राजनीति के लिए काभी नुकसानदायक भी रहा. इस गुजरते साल में बीजेपी ने अपने कई ऐसे हीरे गवां दिए जो न केवल देश बल्कि विश्व स्तर पर अपनी विशेष पहचान रखते थे. उनमें से एक बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज भी थीं.

भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री पूर्व विदेश मंत्री और प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त को दिल्ली एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. 67 वर्षीय वरिष्ठ बीजेपी नेता सुषमा स्वराज 9 बार सांसद रहीं. इसके साथ ही वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव मानी जाती थीं. सोशल मीडिया पर समस्याओं का एक पल में निपटारा करने की अदा से सुषमा स्वराज के फैन पूरी दुनिया में फैले हुए थे.

विदिशा वासियों के दिल में आज भी जिंदा है दीदी

विदिशा सांसद सुषमा स्वराज एकमात्र ऐसी नेता थीं जो अटल बिहारी वाजपेयी के बाद जनता से सीधे संवाद किया करती थीं. दिल्ली में रहने के बावजूद सुषमा स्वराज अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा की भी चिंता किया करती थीं. विदिशा रायसेन क्षेत्र में सुषमा स्वराज ने कई सौगातें दीं.

सुषमा स्वराज के निधन की खबर लगते ही विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र गमगीन हो गया. हर किसी की आंखें नम और दिल रो रहा था. हर कोई अपने अलग अलग अंदाज में अपनी दीदी के साथ बिताए हुए पलों की याद कर रहा था. सुषमा स्वराज भले ही रुकस्त हो गईं हों, लेकिन विदिशावासियों की दिल में वे आज भी जिंदा हैं.

विदिशा। साल 2019 में देश ने कई कीर्तिमान हासिल किए. लेकिन भारतीय राजनीति के लिए काभी नुकसानदायक भी रहा. इस गुजरते साल में बीजेपी ने अपने कई ऐसे हीरे गवां दिए जो न केवल देश बल्कि विश्व स्तर पर अपनी विशेष पहचान रखते थे. उनमें से एक बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज भी थीं.

भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री पूर्व विदेश मंत्री और प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त को दिल्ली एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. 67 वर्षीय वरिष्ठ बीजेपी नेता सुषमा स्वराज 9 बार सांसद रहीं. इसके साथ ही वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव मानी जाती थीं. सोशल मीडिया पर समस्याओं का एक पल में निपटारा करने की अदा से सुषमा स्वराज के फैन पूरी दुनिया में फैले हुए थे.

विदिशा वासियों के दिल में आज भी जिंदा है दीदी

विदिशा सांसद सुषमा स्वराज एकमात्र ऐसी नेता थीं जो अटल बिहारी वाजपेयी के बाद जनता से सीधे संवाद किया करती थीं. दिल्ली में रहने के बावजूद सुषमा स्वराज अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा की भी चिंता किया करती थीं. विदिशा रायसेन क्षेत्र में सुषमा स्वराज ने कई सौगातें दीं.

सुषमा स्वराज के निधन की खबर लगते ही विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र गमगीन हो गया. हर किसी की आंखें नम और दिल रो रहा था. हर कोई अपने अलग अलग अंदाज में अपनी दीदी के साथ बिताए हुए पलों की याद कर रहा था. सुषमा स्वराज भले ही रुकस्त हो गईं हों, लेकिन विदिशावासियों की दिल में वे आज भी जिंदा हैं.

Intro:2019 का सफर नामा विदिशा
2019 में हमारे देश ने कई कीर्तिमान हासिल किए जिनके कारण देश में ही नहीं पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का नाम रोशन हुआ लेकिन कुछ ऐसे पल भी रहे जिसने हम सभी की आंखें नम कर दीं इस साल हमने देश की ऐसी हस्तियों को खो दिया जिनके काम हमेशा याद किए जाते रहेंगे वह हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे ऐसे ही एक शख्सियत विदिशा की सांसद सुषमा स्वराज थे जो देश में संसद की सशक्त आवाज के नाम से जानी जाती थी।


Body:भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री पूर्व विदेश मंत्री व प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त को दिल्ली एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली 67 वर्षीय वरिष्ठ बीजेपी नेता सुषमा स्वराज 9 बार सांसद रही इसके साथ ही वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव मानी जाती थी बता दें सुषमा स्वराज विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने पद की गरिमा पूरे विश्व में बड़ा दी सोशल मीडिया पर समस्याओं का एक पल में निपटारा करने की अदा से आपकी पूरी दुनिया फैन हो गई थी ।


Conclusion:विदिशा सांसद सुषमा स्वराज एकमात्र ऐसी नेता थीं जो अटल बिहारी वाजपेयी के बाद जनता से सीधे संवाद किया करती थी दिल्ली में रहने के बावजूद सुषमा स्वराज अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा की भी चिंता किया करती थी विदिशा रायसेन क्षेत्र में सुषमा स्वराज ने कई सौगातें दीं सुषमा स्वराज के भाषण जनता को बांधकर रखते थे तीज त्यौहार पर सुषमा स्वराज अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से राखी का रिश्ता भी कायम रखा यही कारण था कि सुषमा स्वराज विदिशा रायसेन की जनता से एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि दिल का रिश्ता बना कर गई
सुषमा स्वराज की मौत की खबर लगते ही विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र गमगीन हो गया हर किसी की आंखें नम और दिल रो रहा था मौत की खबर विदिशा के लोगों के लिए काली रात के समान थी हर कोई अपने अलग अलग अंदाज में अपने दीदी के साथ बिताए हुए पलों को याद ताजा कर रहा था विदिशा में दी हुई सुषमा स्वराज की सौगातें आज भी सुषमा स्वराज की याद दिलाती है ।
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