विदिशा। शहर के बाहरी जिलों में कई लोग नौकरी करने के गए थे, जो लॉकडाउन लगते ही अपने घर लौट रहे हैं. विदिशा में भी कई बाहरी लोगों की एंट्री होने से शहर के लोगो को एक डर सताने लगा है, कोई बाहरी श्रमिक कहीं विदिशा में वायरस का दाखिला ना करवा दें.
कई गांवों में दूसरे राज्य के श्रमिक आए हैं. हालांकि जितने श्रमिक आ रहे हैं, सबकी एंट्री जिला प्रशासन के पास है. लेकिन सूत्रों की माने तो ऐसे जिले में बाहर से आए कई श्रमिक हैं, जिन्होंने कोराना टेस्ट भी नहीं कराया है.
अगर अकेले चित्तोरिया गांव की बात की जाए तो इस गांव में 27 लोग बाहर के राज्यों से आये हैं. इन मजदूरों के आने की खबर ग्राम सचिव और चौकीदार ने करारिया चौकी पर करवाई. हम अंदाजा लगा सकते हैं जब एक गांव में इतने बाहरी लोगों की एंट्री हुई तो पूरे जिले में यह संख्या कितनी होगी.
शहर के बाद गांवों में मंडरा रहा कोरोना का खतरा
शहरों के बाद अब गांवों में कोराना का खतरा मंडरा रहा है. जो लोग दूसरे राज्य में नौकरी करते थे, एक साथ बड़ी तादाद में वो लोग अपने घरों की ओर आ गए हैं. बाहरी लोगों का आना जाना अभी भी लगा है, लेकिन कोराना टेस्ट किसी का नहीं हो रहा. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोगो को क्वारेंटाइन भी नहीं किया जा रहा है.
विदिशा में बड़ी संख्या में लोग इंदौर ओर कोटा में थे. कोटा से बच्चों को लाया गया तो इंदौर के पड़ने वाले छात्र, नौकरी और मजदूरी करने वाले लोग बड़ी संख्या में शहर में एंटर हुए. स्थानीय लोगों को अब विदिशा में कोराना फैलने का डर सता रहा है.
हालांकि प्रशासन की मानें तो जिला प्रशासन कोराना माहमारी से लड़ने के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता, जिला प्रशासन के मुताबिक बाहरी लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है.