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16 महीने से परिचालक को नहीं मिला वेतन, परिवार सहित इच्छामृत्यु की मांगी अनुमति - परिचालक को 16 माह से नहीं मिला वेतन

विदिशा के गंजबासौदा में रहने वाला ओमकर प्रसाद सेन राज्य सड़क परिवहन निगम संभागी कार्यालय इंदौर में परिचालक के पद पर पदस्थ हैं, कर्मचारी का आरोप है कि 16 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है. जिससे अब उसके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है.

Omkar Prasad Sen
ओमकर प्रसाद सेन
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Published : Jul 31, 2020, 3:59 AM IST

विदिशा। इंदौर के राज्य सड़क परिवहन निगम संभागी कार्यालय में परिचालक के पद पर पदस्थ जिले के गंजबासौदा में रहने वाले ओमकर प्रसाद सेन का आरोप है कि 16 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. कर्मचारी का परिवार आर्थिक संकट झेल रहा है. वहीं जल्द ही समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो कर्मचारी परिवार सहित आत्महत्या की बात कर रहा है.

Omkar Prasad Sen
ओमकर प्रसाद सेन

कर्मचारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों को अलग-अलग आरटीओ कार्यालय में नौकरी दी गई है. जबकि 129 लोगों की लिस्ट में 74 कर्मचारियों का सरकार ने आरटीओ कार्यालय में पोस्टिंग की गई. जबकि मेरा नाम 66वें नंबर पर था वर्तमान में चौथा वेतनमान दिया जा रहा है.

कर्मचारी ने ये भी आरोप लगाए है कि कई महीने निकल जाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिल सका. कर्मचारी अपने वेतन के लिए महीनों से दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर है. इसके बाद भी आज तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो सकी. जबकि वर्तमान में सातवां वेतनमान लागू हो चुका है. लेकिन 16 महीने से वेतन प्राप्त नहीं हुआ है और पूरे परिवार की आर्थिक हालात अत्यंत दयनीय हो गई है. अभी तक जगह-जगह उधारी और कर्ज लेकर घर परिवार को चलाते आ रहे हैं. लेकिन अब लोगों ने कर्जा देना भी बंद कर दिया है. दुकान वालों ने राशन देना बंद कर दिया है. हालांकि डिप्टी कलेक्टर कर्मचारी की गुहार शासन तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं.

विदिशा। इंदौर के राज्य सड़क परिवहन निगम संभागी कार्यालय में परिचालक के पद पर पदस्थ जिले के गंजबासौदा में रहने वाले ओमकर प्रसाद सेन का आरोप है कि 16 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. कर्मचारी का परिवार आर्थिक संकट झेल रहा है. वहीं जल्द ही समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो कर्मचारी परिवार सहित आत्महत्या की बात कर रहा है.

Omkar Prasad Sen
ओमकर प्रसाद सेन

कर्मचारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों को अलग-अलग आरटीओ कार्यालय में नौकरी दी गई है. जबकि 129 लोगों की लिस्ट में 74 कर्मचारियों का सरकार ने आरटीओ कार्यालय में पोस्टिंग की गई. जबकि मेरा नाम 66वें नंबर पर था वर्तमान में चौथा वेतनमान दिया जा रहा है.

कर्मचारी ने ये भी आरोप लगाए है कि कई महीने निकल जाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिल सका. कर्मचारी अपने वेतन के लिए महीनों से दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर है. इसके बाद भी आज तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो सकी. जबकि वर्तमान में सातवां वेतनमान लागू हो चुका है. लेकिन 16 महीने से वेतन प्राप्त नहीं हुआ है और पूरे परिवार की आर्थिक हालात अत्यंत दयनीय हो गई है. अभी तक जगह-जगह उधारी और कर्ज लेकर घर परिवार को चलाते आ रहे हैं. लेकिन अब लोगों ने कर्जा देना भी बंद कर दिया है. दुकान वालों ने राशन देना बंद कर दिया है. हालांकि डिप्टी कलेक्टर कर्मचारी की गुहार शासन तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं.

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