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कोराना के चलते नाग पंचमी पर भी भक्त नहीं कर पाए नाग देवता के दर्शन

विदिशा के ऐतिहासिक विजय मंदिर में हर साल नाग देवता की पूजा की जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना के चलते नाग पंचमी पर भी मंदिर सूना पड़ा रहा. हालांकि भक्तों ने प्रशासन से एक दिन पहले पूजा करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई. इस साल लोगों ने अपने घरों में ही रहकर नाग देवता की पूजा-अर्चना की.

Nag panchmi was not celebrated in vidisha
भक्त नहीं कर पाए नाग देवता के दर्शन
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Published : Jul 26, 2020, 6:37 AM IST

विदिशा। विदिशा के ऐतिहासिक विजय मंदिर में हर साल नाग देवता की पूजा की जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना के चलते नाग पंचमी पर भी मंदिर सूना पड़ा रहा. हालांकि भक्तों ने प्रशासन से एक दिन पहले पूजा करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई. इस साल लोगों ने अपने घरों में ही रहकर नाग देवता की पूजा-अर्चना की. जिले में नाग पंचमी पर विजय मंदिर परिसर में हर साल लगने वाला मेला, दंगल, चल समारोह के आयोजन किए जाते थे. कोराना को देखते हुए प्रशासन ने सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी. हर साल मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता था, लेकिन इस साल मंदिर में कोई भी रौनक नजर नहीं आई.

Nag panchmi was not celebrated in vidisha
भक्त नहीं कर पाए नाग देवता के दर्शन

विजय मंदिर में एक नाग देवता का मंदिर है, जिसमें नाग विराजे हैं. ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र भी है. बताया जाता है कि जय मंदिर हिन्दू राष्ट्र सेना के तत्वाधान में यहां पूजन का आयोजन किया जाता था. बाद में हिन्दू महासभा यहां कार्यक्रमों का आयोजन कराने लगा. सन 1991 में सांसद रहे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्त्व में यहां एक समिति का गठन किया गया था. पुरातत्व के अधीन होने के कारण मंदिर के बाहर से ही पूजा अर्चना की जाती थी. इस मंदिर में नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. कोराना के चलते पहली बार नाग देवता की पूजा नहीं की गई.

विदिशा। विदिशा के ऐतिहासिक विजय मंदिर में हर साल नाग देवता की पूजा की जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना के चलते नाग पंचमी पर भी मंदिर सूना पड़ा रहा. हालांकि भक्तों ने प्रशासन से एक दिन पहले पूजा करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई. इस साल लोगों ने अपने घरों में ही रहकर नाग देवता की पूजा-अर्चना की. जिले में नाग पंचमी पर विजय मंदिर परिसर में हर साल लगने वाला मेला, दंगल, चल समारोह के आयोजन किए जाते थे. कोराना को देखते हुए प्रशासन ने सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी. हर साल मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता था, लेकिन इस साल मंदिर में कोई भी रौनक नजर नहीं आई.

Nag panchmi was not celebrated in vidisha
भक्त नहीं कर पाए नाग देवता के दर्शन

विजय मंदिर में एक नाग देवता का मंदिर है, जिसमें नाग विराजे हैं. ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र भी है. बताया जाता है कि जय मंदिर हिन्दू राष्ट्र सेना के तत्वाधान में यहां पूजन का आयोजन किया जाता था. बाद में हिन्दू महासभा यहां कार्यक्रमों का आयोजन कराने लगा. सन 1991 में सांसद रहे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्त्व में यहां एक समिति का गठन किया गया था. पुरातत्व के अधीन होने के कारण मंदिर के बाहर से ही पूजा अर्चना की जाती थी. इस मंदिर में नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. कोराना के चलते पहली बार नाग देवता की पूजा नहीं की गई.

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