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विदिशा: अपने विकलांग बच्चे को पाने के लिए मां किशोर अदालत में लगाई न्याय की गुहार, ये है पूरा मामला - एमपी समाचार

परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा गैरकानूनी तरीके से एक चार साल के विकलांग बच्चे को उसकी मां से अलग कर दिया गया. जिसके बाद बिलखती मां ने प्रशासन से गुहार लगाई है.

मां की गुहार
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Published : Apr 25, 2019, 12:00 AM IST

विदिशा। किशोर न्यायालय में एक बिलखती मां प्रशासन से उसका बच्चा उसे लौटाने की गुहार लगा रही है. परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा गैरकानूनी तरीके से एक चार साल के विकलांग बच्चे को उसकी मां से अलग कर दिया गया. वहीं किशोर न्यायालय ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मां की गुहार

25 साल की क्रांति किरार की शादी लटेरी के धरगा गांव में पांच साल पहले खिलान सिंह से हुई थी. क्रांति के दो बच्चें हैं, जिसमें एक 4 साल का विकलांग लड़का है. पति से विवाद के बाद मामला परिवार परामर्श केंद्र तक आ पहुंचा था. लेकिन आज कार्रवाई के दौरान परिवार परामर्श केंद्र ने मां से बच्चे को अलग करने का फरमान सुना दिया, बच्चे को उसके पिता के हवाले कर दिया गया है.

कानून के मुताबिक सात साल से कम उम्र के बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं कर सकते हैं. क्रांति किरार का कहना है कि उनका बच्चा ठीक से बोल नहीं सकता, वह विकलांग भी है. जिसके बावजूद उसे उसके पिता को सौंप दिया गया हैं. वहीं इस पूरे मामले में किशोर न्यायालय के अध्यक्ष राजीव जैन भी मानते है कि मां को बच्चे से अलग करना कानून के विरुद्ध है, किशोर न्यायालय की अनुमति लिए बिना गुलमोहर एसआई ने बच्चे को पिता के हवाले कर दिया. यह गलत है, अब किशोर न्यायालय ने विशेष पुलिस को पत्र लिखकर महिला के पिता से बच्चे को किशोर न्यायालय में लाने की बात कही है.

विदिशा। किशोर न्यायालय में एक बिलखती मां प्रशासन से उसका बच्चा उसे लौटाने की गुहार लगा रही है. परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा गैरकानूनी तरीके से एक चार साल के विकलांग बच्चे को उसकी मां से अलग कर दिया गया. वहीं किशोर न्यायालय ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मां की गुहार

25 साल की क्रांति किरार की शादी लटेरी के धरगा गांव में पांच साल पहले खिलान सिंह से हुई थी. क्रांति के दो बच्चें हैं, जिसमें एक 4 साल का विकलांग लड़का है. पति से विवाद के बाद मामला परिवार परामर्श केंद्र तक आ पहुंचा था. लेकिन आज कार्रवाई के दौरान परिवार परामर्श केंद्र ने मां से बच्चे को अलग करने का फरमान सुना दिया, बच्चे को उसके पिता के हवाले कर दिया गया है.

कानून के मुताबिक सात साल से कम उम्र के बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं कर सकते हैं. क्रांति किरार का कहना है कि उनका बच्चा ठीक से बोल नहीं सकता, वह विकलांग भी है. जिसके बावजूद उसे उसके पिता को सौंप दिया गया हैं. वहीं इस पूरे मामले में किशोर न्यायालय के अध्यक्ष राजीव जैन भी मानते है कि मां को बच्चे से अलग करना कानून के विरुद्ध है, किशोर न्यायालय की अनुमति लिए बिना गुलमोहर एसआई ने बच्चे को पिता के हवाले कर दिया. यह गलत है, अब किशोर न्यायालय ने विशेष पुलिस को पत्र लिखकर महिला के पिता से बच्चे को किशोर न्यायालय में लाने की बात कही है.

Intro:बच्चे को पाने एक मां की गुहार पहुंची किशोर न्यायालय ,

विदिशा किशोर न्यायालय में बिलखती एक माँ कभी इस अधिकारी के हाथ जोड़ती कभी उस अधिकारी से मन्नते करती साहब मेरा बच्चा मुझे लोटा दो पर इस मां की गुहार सुनने वाला यहां कोई नही आंखों मे आंसू काँपते हाथ लड़खड़ाती जुबान एक बार बच्चे दीदार करने को बेताब हैं



Body:25 साल क्रांति किरार की शादी लटेरी के धरगा ग्राम में पांच साल पहले खिलान सिंह से हुई क्रांति के एक लड़का एक लड़की है अपने ही पति से विवाद परिवार परामर्श केंद्र तक आ पहुंचा आज दोनों की सुनबाई थी क्रांति अपने चार साल का विकलांग लड़का साँथ लाई तब परिबार परामर्श केंद्र ने ऐंसा फरमान सुनाया की एक मां के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई मां बिलखती रही और एक मां से उसका चार साल का बच्चा उससे जुदा कर दिया गया परिवार परामर्श केंद्र की गुलमोहर ज्योति निगम ने मां से बच्चा पिता के हवाले कर दिया ।
जब हमने इसकी बारीकी से तहकीकात की तो पता चला संबिधान का एक्ट कहता है सात साल से पहले कोई भी बच्चा मा से जुदा नही किया जा सकता ।


Conclusion:क्रांति किरार मीडिया से गुहार लगाते हुए कहती है मेरा बच्चा मेरे बगैर नही रह सकता अभी वो ठिख से बोल भी नही पता विकलांग भी है इसके बाद भी मेरे बच्चे को उसके पिता खिलान को दे दिया हम लोगो का विवाद चल रहा है अभी सुनबाई बाकी है ।

वहीं इस पूरे मामले में किशोर न्यायालय के अध्यक्ष राजीब जेन भी मानते हैं यह एक्ट के विरुद्ध है न ही किशोर न्यायालय की अनुमति ली गई गुलमोहर एस आई ने बच्चे को पिता के हवाले कर दिया यह गलत है अब किशोर न्यायालय ने विशेष पुलिस को पत्र लिखकर पिता से बच्चे को किशोर न्यायालय में लाने की बात कही ।
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