विदिशा। किशोर न्यायालय में एक बिलखती मां प्रशासन से उसका बच्चा उसे लौटाने की गुहार लगा रही है. परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा गैरकानूनी तरीके से एक चार साल के विकलांग बच्चे को उसकी मां से अलग कर दिया गया. वहीं किशोर न्यायालय ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
25 साल की क्रांति किरार की शादी लटेरी के धरगा गांव में पांच साल पहले खिलान सिंह से हुई थी. क्रांति के दो बच्चें हैं, जिसमें एक 4 साल का विकलांग लड़का है. पति से विवाद के बाद मामला परिवार परामर्श केंद्र तक आ पहुंचा था. लेकिन आज कार्रवाई के दौरान परिवार परामर्श केंद्र ने मां से बच्चे को अलग करने का फरमान सुना दिया, बच्चे को उसके पिता के हवाले कर दिया गया है.
कानून के मुताबिक सात साल से कम उम्र के बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं कर सकते हैं. क्रांति किरार का कहना है कि उनका बच्चा ठीक से बोल नहीं सकता, वह विकलांग भी है. जिसके बावजूद उसे उसके पिता को सौंप दिया गया हैं. वहीं इस पूरे मामले में किशोर न्यायालय के अध्यक्ष राजीव जैन भी मानते है कि मां को बच्चे से अलग करना कानून के विरुद्ध है, किशोर न्यायालय की अनुमति लिए बिना गुलमोहर एसआई ने बच्चे को पिता के हवाले कर दिया. यह गलत है, अब किशोर न्यायालय ने विशेष पुलिस को पत्र लिखकर महिला के पिता से बच्चे को किशोर न्यायालय में लाने की बात कही है.