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कोरोना काल: कपड़ा व्यापार की टूटी कमर, व्यापारियों को त्योहारों से उम्मीद

लॉकडाउन भले ही खुल गया हो, लेकिन शादियों का सीजन खत्म हो गया है और इससे सबसे ज्यादा नुकसान कपड़ा व्यापारियों को हुआ है. विदिशा के कपड़ा व्यापारी 2020 को त्रासदी बता रहे हैं.

Textile trade
लॉकडाउन में प्रभावित कपड़ा व्यापार
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Published : Jul 19, 2020, 3:43 PM IST

विदिशा। लॉकडाउन भले ही खुल गया हो, लेकिन अनलॉक होने के बाद शहर के कपड़ा व्यापारियों पर आज भी काले बादल छाए हुए हैं. 2020 को कपड़ा व्यापारी सबसे बड़ी त्रासदी मान रहे हैं. व्यापारी बताते हैं जब शादियों का सीजन था, तब शहर में पूरी तरह लॉकडाउन लगा हुया था. जब लॉकडाउन खुला तब शादियों का सीजन खत्म हो चुका है. लॉकडाउन खत्म होते ही बारिश का सीजन लग गया, इस सीजन में कपड़े का व्यापार पूरी तरह से जाम हो गया है. व्यापारियों की माने तो कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा नुकसान का सामना व्यापारियों को करना पड़ रहा है, सभी व्यापारियों ने लॉकडाउन के पहले दुकानों में माल भर लिया था, अचानक लॉकडाउन लग जाने से पूरा माल रखा रह गया और आज तक नहीं बिक पाया. हालांकि व्यापारियों को आने वाले समय में उम्मीद है कि बाजार पटरी पर आएगा.

लॉकडाउन में प्रभावित कपड़ा व्यापार

व्यापारी को उम्मीद है जल्द हालात होंगे ठीक

विदिशा के कपड़ा व्यापारी मुकेश अग्रवाल करीब 40 साल से कपड़े का व्यापार कर रहे हैं. मुकेश मानते हैं कि कपड़े का मार्केट ठप तो हुआ है, लेकिन उम्मीद है धीरे-धीरे सब सही हो जाएगा. व्यापार में काफी गिरावट हुई है, कोरोना का खौफ दुकानदार और ग्राहक दोनों को है. व्यापारी का कहना है उन्हें लोगों को कपड़े दिखाने में डर तो लगता है, सबसे ज्यादा खतरा कर्मचारियों को रहता है, इसलिए व्यापारियों ने दुकानों पर सेनेटाइजर के इंतजाम किए हुए हैं, ताकि कोई भी ग्राहक आता है तो पहले उसे सेनेटाइज किया जाता है. इसके बाद ही उसे कपड़ा दिखाया जाता है.

कोरोना में व्यापार के साथ व्यापारियों की सुरक्षा भी जरूरी

वहीं कपड़ा व्यापारी देवेश राज खुराना शहर में करीब 35 साल से कपड़े का व्यापार कर रहे हैं. देवेश बताते हैं ग्राहक के साथ उन्हें भी अपनी सुरक्षा ध्यान रखना पड़ता है. व्यापार से ज्यादा अपने परिवार को सुरक्षित रखना है. लॉकडाउन की वजह से व्यापार में काफी फर्क तो पड़ा है, लेकिन कपड़े के व्यापार में नुकसान विदिशा को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को उठाना पड़ रहा है. कपड़ा एक ऐसा व्यापार है, जिसकी हर पल डिजाइन बदलती रहती है. जब से लॉकडाउन खुला है तब से लेकर आज तक 25% का व्यापार भी व्यापारी नहीं कर सके हैं.

विदिशा। लॉकडाउन भले ही खुल गया हो, लेकिन अनलॉक होने के बाद शहर के कपड़ा व्यापारियों पर आज भी काले बादल छाए हुए हैं. 2020 को कपड़ा व्यापारी सबसे बड़ी त्रासदी मान रहे हैं. व्यापारी बताते हैं जब शादियों का सीजन था, तब शहर में पूरी तरह लॉकडाउन लगा हुया था. जब लॉकडाउन खुला तब शादियों का सीजन खत्म हो चुका है. लॉकडाउन खत्म होते ही बारिश का सीजन लग गया, इस सीजन में कपड़े का व्यापार पूरी तरह से जाम हो गया है. व्यापारियों की माने तो कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा नुकसान का सामना व्यापारियों को करना पड़ रहा है, सभी व्यापारियों ने लॉकडाउन के पहले दुकानों में माल भर लिया था, अचानक लॉकडाउन लग जाने से पूरा माल रखा रह गया और आज तक नहीं बिक पाया. हालांकि व्यापारियों को आने वाले समय में उम्मीद है कि बाजार पटरी पर आएगा.

लॉकडाउन में प्रभावित कपड़ा व्यापार

व्यापारी को उम्मीद है जल्द हालात होंगे ठीक

विदिशा के कपड़ा व्यापारी मुकेश अग्रवाल करीब 40 साल से कपड़े का व्यापार कर रहे हैं. मुकेश मानते हैं कि कपड़े का मार्केट ठप तो हुआ है, लेकिन उम्मीद है धीरे-धीरे सब सही हो जाएगा. व्यापार में काफी गिरावट हुई है, कोरोना का खौफ दुकानदार और ग्राहक दोनों को है. व्यापारी का कहना है उन्हें लोगों को कपड़े दिखाने में डर तो लगता है, सबसे ज्यादा खतरा कर्मचारियों को रहता है, इसलिए व्यापारियों ने दुकानों पर सेनेटाइजर के इंतजाम किए हुए हैं, ताकि कोई भी ग्राहक आता है तो पहले उसे सेनेटाइज किया जाता है. इसके बाद ही उसे कपड़ा दिखाया जाता है.

कोरोना में व्यापार के साथ व्यापारियों की सुरक्षा भी जरूरी

वहीं कपड़ा व्यापारी देवेश राज खुराना शहर में करीब 35 साल से कपड़े का व्यापार कर रहे हैं. देवेश बताते हैं ग्राहक के साथ उन्हें भी अपनी सुरक्षा ध्यान रखना पड़ता है. व्यापार से ज्यादा अपने परिवार को सुरक्षित रखना है. लॉकडाउन की वजह से व्यापार में काफी फर्क तो पड़ा है, लेकिन कपड़े के व्यापार में नुकसान विदिशा को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को उठाना पड़ रहा है. कपड़ा एक ऐसा व्यापार है, जिसकी हर पल डिजाइन बदलती रहती है. जब से लॉकडाउन खुला है तब से लेकर आज तक 25% का व्यापार भी व्यापारी नहीं कर सके हैं.

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