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पाबंदी के बावजूद पत्थर मार दशहरे का आयोजन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ीं धज्जियां - Dussehra organized in Kaladev village

विदिशा जिले की लटेरी तहसील के कालादेव गांव में पत्थर मार दशहरे का आयोजन किया गया. जबकि इस आयोजन पर कोरोना संक्रमण के चलते रोक लगाई गई थी.

Patthar Mar Dussehra
पत्थर मार दशहरा
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Published : Oct 27, 2020, 5:49 PM IST

Updated : Oct 27, 2020, 5:57 PM IST

विदिशा। जिले के आखिरी छोर पर बसे गांव कालादेव में सैकड़ों वर्ष पूर्व से चले आ रहे अनोखे पत्थर मार दशहरे का आयोजन इस वर्ष भी किया गया. जबकि कोरोना के चलते प्रशासन ने इस आयोजन पर रोक लगाई थी. बावजूद इसके यहां पत्थर मार दशहरा मनाया गया. आयोजन के दौरान तो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं गईं.

पत्थर मार दशहरे का आयोजन

पुलिस का कहना

इस बारे में जब स्थानीय पुलिस से बात की गई तो एसडीओपी आरपी रावत ने कहा कि कोरोना के चलते आयोजन पर रोक लगाई गई थी. ये कानून का उल्लंघन है. इस संबंध में सीनियर अधिकारी जो भी निर्देश देंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

राम और रावण की सेना में युद्ध

कालादेव में आयोजित पत्थर मार दशहरा मेले में एक तरफ राम की सेना तो दूसरी ओर भील बंजारे रावण की सेना में सम्मिलित होने के लिए आए थे. इस पत्थर मार युद्ध में गोफान (गोटियों ) से राम की सेना पर रावण की सेना ने पत्थरों से वार किया.

क्यों मनाया जाता है पत्थर मार दशहरा

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि सालों पूर्व टोंक रियासत के नवाब ने इस दशहरे को रुकवाने का पूरा प्रयास किया था. उन्होंने कहा था कि यह दशहरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि आप लोग जानबूझकर किसी को पत्थर नहीं मारते हैं. लेकिन हम गोली चलाएंगे. यदि राम की सेना के सैनिक को गोली लग गई तो यह दशहरा आज से ही बंद हो जाएगा. भगवान राम की ऐसी कृपा बनी की नवाब की गोली भी किसी राम सैनिक को नहीं छू पाई. तब से ही यह दशहरा अभी तक लगातार चल रहा है.

विदिशा। जिले के आखिरी छोर पर बसे गांव कालादेव में सैकड़ों वर्ष पूर्व से चले आ रहे अनोखे पत्थर मार दशहरे का आयोजन इस वर्ष भी किया गया. जबकि कोरोना के चलते प्रशासन ने इस आयोजन पर रोक लगाई थी. बावजूद इसके यहां पत्थर मार दशहरा मनाया गया. आयोजन के दौरान तो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं गईं.

पत्थर मार दशहरे का आयोजन

पुलिस का कहना

इस बारे में जब स्थानीय पुलिस से बात की गई तो एसडीओपी आरपी रावत ने कहा कि कोरोना के चलते आयोजन पर रोक लगाई गई थी. ये कानून का उल्लंघन है. इस संबंध में सीनियर अधिकारी जो भी निर्देश देंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

राम और रावण की सेना में युद्ध

कालादेव में आयोजित पत्थर मार दशहरा मेले में एक तरफ राम की सेना तो दूसरी ओर भील बंजारे रावण की सेना में सम्मिलित होने के लिए आए थे. इस पत्थर मार युद्ध में गोफान (गोटियों ) से राम की सेना पर रावण की सेना ने पत्थरों से वार किया.

क्यों मनाया जाता है पत्थर मार दशहरा

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि सालों पूर्व टोंक रियासत के नवाब ने इस दशहरे को रुकवाने का पूरा प्रयास किया था. उन्होंने कहा था कि यह दशहरा नहीं होना चाहिए. क्योंकि आप लोग जानबूझकर किसी को पत्थर नहीं मारते हैं. लेकिन हम गोली चलाएंगे. यदि राम की सेना के सैनिक को गोली लग गई तो यह दशहरा आज से ही बंद हो जाएगा. भगवान राम की ऐसी कृपा बनी की नवाब की गोली भी किसी राम सैनिक को नहीं छू पाई. तब से ही यह दशहरा अभी तक लगातार चल रहा है.

Last Updated : Oct 27, 2020, 5:57 PM IST
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