विदिशा। मध्यप्रदेश अपनी परंपराओं और रिति-रिवाजों के लिए देशभर में फेमस है. वहीं विदिशा के सिरोंज में बंदूक की गोली से होली जलाने की अनोखी परम्परा है. ये परम्परा सैंकड़ों सालों से चली आ रही है. इसी बड़ी होली से आग ले जाकर नगर में दूसरी होलियां जलाते है, सिरोंज में होलका शासन रहा है. राम जी महाराज यहां रहते थे और उनके जमाने से यह होली के दहन का कार्यक्रम चला आ रहा है. राम जी महाराज की यह बड़ी होली है और इसकी प्राचीन परंपरा रही है.
ये है परंपराः आपको बता दें कि होलिका को शहर के एक मुख्य स्थान पर जलाया जाता है. घास के पोले में रुई डाल करके उसमें बंदूक से गोली मार कर अग्नि प्रज्वलित की जाती है, तो उससे नई अग्नि उत्पन्न होती थी और सारे शहर के लोग कुछ अग्नि को ले जाते हैं. 1 वर्ष तक अपने-अपने घरों में उस अग्नि को रखते थे और 1 साल बाद फिर नई होली की अग्नि ला करके उस अग्नि को बदल देते थे. आज भी कानूनगो और माथुर परिवार इस परंपरा का निर्वाहन कर रहा है.
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सिरोंज की सबसे बड़ी होली: कानूनगो परिवार के वंशज महेश माथुर ने बताया कि "पुराने दौर में राजा-रजवाड़े के समय में ऐसी होली जलती थी, उसके बाद नवाबी दौर आया तो होली की इस परंपरा पर पाबंदी लगा दी गई. इसके बाद हमारे पूर्वजों ने इसका रास्ता ढूंढा था कि घास के गंज में बंदूक से गोली मारकर होली जलाई जाएगी, उससे आग उत्पन्न होगी. उस समय से अब तक होलिका को गोली मारकर जलाया जाता है. पहले हमारे बुजुर्गों ने उसके बाद हमने अब आने वाली पीढ़ियां ये परंपरा चलाएंगी क्योंकि इस परंपरा के बाद ही शहर में अन्य स्थानों की होली जलती है. इसके अलावा इसे सिरोंज की सबसे बड़ी होली भी माना जाता है."