विदिशा। ठंड बढ़ते ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. जिले में हर रोज नए केस सामने आ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी आमजन और सरकारी कर्मचारी लापरवाह नजर आ रहे हैं. यहां न तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है और न ही मास्क, सैनिटाइजर ना प्रयोग हो रहा है. कोरोना गाइडलाइन महज एक औपचारिकता बनकर रह गई है.
अधिकारियों को नहीं संक्रमण का डर
विदिशा जिला मुख्यालय के आलाधिकारियों को भी कोरोना संक्रमण का किसी प्रकार का खौफ ही नहीं है. ये कलेक्ट्रेट के वही अधिकारी हैं जो तहसीलों, गांवों और कस्बों में माक्स लगवाने के फरमान जारी करते हैं. लेकिन जब हकीकत देखी गई तो यह अधिकारी खुद कोरोना संक्रमण को लेकर संजीदा नहीं मिले. यह अधिकारी अपने विभाग में बिना मास्क लगाए बैठे मिले. इस दौरान कोई अधिकारी लोगों की सुनवाई कर रहा था, तो कोई स्टाइल में मास्क लगाए हुए था. जिनमें कई महिला अधिकारी भी मौजूद हैं. मास्क लगाने के लिए कहने पर वो इसे मजाक में टालते नजर आते हैं. जब कैमरे की नजरों में यह अधिकारी कैद हुए तो हर एक विभाग का अधिकारी अपने बगले झांकता नजर आया. कोई लगाने का बहाना कर रहा है तो कोई कैमरा देखकर मास्क लगा रहा है. कई अधिकारियों ने तो माक्स को अपने टेबल डोर में कैद कर दिया है.
मास्क लगाने के दिए जाएंगे आदेश
जब अधिकारियों की लापरवाही की जानकारी आलाधिकारियों को दी गई तो एडीएम महोदय का कहना था कि कोरोना से निपटने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. लोगों को लगातार जागरूक करने का काम किया जा रहा है. मास्क लगाने की बार-बार नसीहतें दी जा रही हैं. अधिकारियों द्वारा लापरवाही की जा रही है तो विभागों में मास्क लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे.
कोरोना गाइडलाइन का पालन ना करने पर आम नागरिकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. लेकिन जब जिम्मेदार अधिकारी ही नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें एक आदेश देकर निपटा दिया जाता है.