विदिशा। कोरोना वायरस के बाद मध्य प्रदेश में अब बाढ़ ने तबाही मचाई है. कई जिलों में आई बाढ़ की वजह से आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ से किसानों की फसलें भी बर्बादी हो गई हैं. विदिशा जिले में सैकड़ों हेक्टेयर किसानों की सोयाबीन,धान, उड़द की फसल बाढ़ में तबाह हो गई है. जिन खेतों में हरी-भरी फसल लहरा रही थी, आज उन खेतों में से किसान पानी निकाल रहा है, ग्रामीण अंचलों में किसान हरी फसल काटने को मजबूर हैं.
सोयाबीन और धान की फसल पानी से पूरी तरह खराब हो गई, बारिश तो थम गई पर किसान को एक बार फिर कर्ज में डाल दिया. जिलेभर में खराब हुई फसलों के मुयावाजे की मांग उठने लगी है. कांग्रेस के नेतृत्व में किसान अपनी खराब हुई फसल लेकर तहसील कार्यलाय पहुंचे और फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की. कांग्रेस नेता रणधीर सिंह का कहना है कि, बाढ़ में किसानों की सभी तरह की फसले बार्बाद हो गई हैं. कई लोगों के मकान भी गिर गए हैं, ऐसे में सरकार से मांग है कि, जिनका नुकसान हुआ है. उनका सर्वे करवाकर जल्द मुआवजा दिया जाए.
बाढ़ के पानी से सोयाबीन पूरी तरह से पीला पड़ गया, तो कहीं धान के खेतों में पानी भरने से पौधे पूरी तरह से गल गए. अब किसान अपने खेतों से पाइप के जरिये पानी निकाल रहे हैं. विदिशा के ग्राम हुस्नापुर, अहमदपुर से सटे कई गांव में सोयाबीन की फसल पूरी तरह खत्म हो गई, तो कही बाढ़ का पानी इतना आया कि, अपने साथ पूरी फसल को ही बहा ले गया. किसान हुक्म सिंह लोधी का कहना है कि, वह खेती पर ही निर्भर हैं. उनके परिवार में आठ सदस्य हैं और हुक्म अकेले ही घर का पालन पोषण करते हैं. हुक्म ने पांच बीघा में सोयाबीन की फसल बोई थी, उनको इस साल अच्छी फसल की उम्मीद थी. बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया. पांच बीघा खेती के लिए हुक्म सिंह ने 25 हजार का कर्जा लिया था. अब जो खेत में लागत लगी वो भी नहीं निकल पाई. बाढ़ तो चली गई, लेकिन किसानों को कर्ज दे गई. अब हुक्म को चिंता सता रही है कि, आखिर ये कर्ज कैसे अदा करेंगे.
किसान नीलेश लोधी ने धान और सोयाबीन की खेती की थी, लेकिन बाढ़ ने उनकी सारी फसल खराब कर दी. नीलेश ने भी कर्ज लेकर खेती की थी. उनके सामने भी कर्ज का संकट खड़ा हो गया है. फसल बर्बाद होने के बाद किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग पर तहसीलदार सरोज अग्निवंशी का कहना है कि, सरकार के निर्देश पर पटवारी को भेजकर सर्वे कराया जा रहा है. जब सरकार की ओर से मुआवजे की राशि आएगी, वो किसानों में बांट दी जाएगी.