ETV Bharat / state

अतिवृष्टि और पीला मोजेक से बर्बाद हुई फसल, किसान ने फांसी लगाकर दी जान

author img

By

Published : Sep 6, 2020, 2:20 PM IST

विदिशा जिले की शमशाबाद तहसील में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले में तहसीलदार का कहना है कि मृतक के नाम से कोई जमीन नहीं है.

Crops wasted due to excess rainfall and yellow mosaic
अतिवृष्टि और पीला मोजेक से बर्बाद हुई फसल

विदिशा। जिले में फसल खराब होने से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मामला शमशाबाद तहसील के ग्राम डंगरवांडा का है. किसान के परिजनों का कहना है कि मृतक रात में अपनी मां और भाई से कह रहा की इस बार पूरी फसल खराब हो गई है, अब जो कर्ज लिया है, वो कैसे देंगे.

अतिवृष्टि और पीला मोजेक से बर्बाद हुई फसल

बीते दिनों प्रदेश में हुई अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं. कई किसान बर्बादी की कगार पर आ गए हैं. जिले में भी बारिश और पीला मोजेक से सोयाबीन की फसल पूरी तरह से खराब हो गई हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. जिसके चलते आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हैं.

फसल खराब होने से परेशान था मृतक

मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. विदिशा जिले की शमशाबाद तहसील के डंगरवांडा गांव के किसान बलवीर लोधी ने फसल खराब होने से परेशान होकर अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी.

अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना बयान

तहसीलदार से इस मामले को लेकर जब बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने फांसी लगाई है. उसके नाम से कोई जमीन ही नहीं है. अधिकारी के ये गैर जिम्मेदाराना बयान कई सवाल खड़े करता है. हालांकि, मृतक की बूढ़ी मां के नाम जमीन दर्ज हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं हो जाता कि मृतक के नाम से जमीन नहीं है तो वह किसान नहीं है.

ये पहला मामला नहीं है, जब किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या की हो. बल्कि प्रदेश में अन्नदाता के आत्महत्या के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे है. भले ही सरकार लाख दावे कर रही हो कि फसल नुकसान का हर एक किसान को मुआवजा दिया जाएगा. हकीकत यह भी है 2018 का फसल बीमा किसानों को आज तक नहीं मिला है.

विदिशा। जिले में फसल खराब होने से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मामला शमशाबाद तहसील के ग्राम डंगरवांडा का है. किसान के परिजनों का कहना है कि मृतक रात में अपनी मां और भाई से कह रहा की इस बार पूरी फसल खराब हो गई है, अब जो कर्ज लिया है, वो कैसे देंगे.

अतिवृष्टि और पीला मोजेक से बर्बाद हुई फसल

बीते दिनों प्रदेश में हुई अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं. कई किसान बर्बादी की कगार पर आ गए हैं. जिले में भी बारिश और पीला मोजेक से सोयाबीन की फसल पूरी तरह से खराब हो गई हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. जिसके चलते आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हैं.

फसल खराब होने से परेशान था मृतक

मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. विदिशा जिले की शमशाबाद तहसील के डंगरवांडा गांव के किसान बलवीर लोधी ने फसल खराब होने से परेशान होकर अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी.

अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना बयान

तहसीलदार से इस मामले को लेकर जब बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने फांसी लगाई है. उसके नाम से कोई जमीन ही नहीं है. अधिकारी के ये गैर जिम्मेदाराना बयान कई सवाल खड़े करता है. हालांकि, मृतक की बूढ़ी मां के नाम जमीन दर्ज हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं हो जाता कि मृतक के नाम से जमीन नहीं है तो वह किसान नहीं है.

ये पहला मामला नहीं है, जब किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या की हो. बल्कि प्रदेश में अन्नदाता के आत्महत्या के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे है. भले ही सरकार लाख दावे कर रही हो कि फसल नुकसान का हर एक किसान को मुआवजा दिया जाएगा. हकीकत यह भी है 2018 का फसल बीमा किसानों को आज तक नहीं मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.