विदिशा। साल के सबसे बड़े त्योहार दिवाली पर कोरोना के काले बादल छा गए हैं. हर साल की तरह इस साल की दिवाली व्यापारी मध्यवर्ती लोगों के लिए काली दिवाली बनकर आ रही है. जिस त्योहार पर बाजार गुलजार हुआ करते थे, इस उन्हीं बाजारों से रौनक गुम होती नजर आ रही है. दुकानें, शोरूम सब वीरान पड़े हैं. किसी जगह तो 6 महीने से एक भी ग्राहक नहीं पहुंचा है.
विदिशा जिला मुख्यालय में दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के त्योहार आते ही मध्यमवर्ती लोग अपने परिवार के लिए खूब खरीददारी करते हैं. व्यापारियों के लिए भी यह त्योहार बड़ा सीजन माना जाता है. पर इस साल इस त्योहार पर कोरोना के काले बादल छा गए. बाजारों से रौनक चली गई, दुकान वीराने में तब्दील हो गई. अब व्यापारियों पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. अगर दिवाली पर व्यापार नहीं हुआ तो व्यापारियों को बड़े कर्जे का सामना करना पड़ सकता है.
विनोद चिपन सर्राफ विदिशा में सालों से सोने चांदी का व्यापार कर रहे हैं. इतनी मंदी चिपन सर्राफ ने कभी नहीं देखी, जितनी अब देख रहे हैं. चिपन सर्राफ बताते हैं कि इस बार कोरोना का असर दिवाली पर बहुत पड़ा है. लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं. कोरोना की बजह से व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ गया है. वहीं किसानों को फसल में बड़ा नुकसान हुआ है.
व्यापारियों पर बड़ा संकट
नीरज चंद्रवंशी भी इलोक्ट्रॉनिक बाजार में व्यापार करते हैं. नीरज बताते हैं हर साल नवरात्रि और दशहरे में बाजार में उठाव आ जाता था. दिवाली को देखते हुए एक गोदान की व्यवस्था अलग से कर रखी है, इस बार तो पूरी नवरात्रि ,दशहरा निकल गया, ग्राहक दुकानों से नदारद हैं. माल जैसा आया है, वैसा ही भरा है. इस बार की दिवाली में उम्मीद नज़र नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों पर बड़ा संकट मंडरा रहा है.
बाजारों से रौनक हुई कम
वहीं मोबाइल विक्रता आशीष चतुर्वेदी बताते हैं कि कोरोना का असर इस दिवाली पर बहुत ज्यादा है. इस समय तक बाजार में बहुत उठाव आ जाता है. अब तो उम्मीद ही नज़र नहीं आ रही है. आखिर क्या होगा. सुनील कुमार जैन का कहना है कि 15 साल के व्यापार में पहली बार इतनी मंदी का सामना करना पड़ रहा है. दिवाली में जो रौनक हुआ करती थी, वो रौनक मार्केट से गायब हो गई है. इस साल व्यापार को बड़ा झटका लगेगा.