विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इसी में लापरवाही बरतने वाले लोगों को प्रशासन खुली जेल में भेज रही है. और चालानी कार्रवाई भी की जा रही है. लेकिन लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
- जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम
विदिशा जिला अस्पताल का ईटीवी भारत ने जायजा लिया, जहां माक्स और सैनिटाइजर की व्यवस्थाएं नहीं दिखी. महिलाएं बिना मास्क के कैमरे के सामने साड़ी से मुंह ढक रही हैं. तो कोई हंसते खिलखिलाते अलमारी से मास्क निकालकर पहन रहे हैं. ऐसे भी लोग मिले. जिन्होंने बताया कि मेन गेट पर सिक्योरिटी नहीं है और जो है वह मास्क नहीं लगाए है.
- कांग्रेस ने लगाया अव्यवस्थाओं का आरोप
कांग्रेसी नेता अजय कटारे का कहना है कि व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल हैं. कोविड की यह दूसरी लहर चल रही है, लगातार पेशेंट मिल रहे हैं. उसके बाद भी हम देख रहे हैं लोग यहां वहां हॉस्पिटल में घूम रहे हैं. लोग मास्क नहीं लगाए हैं, गार्ड नहीं है, कोई स्टाफ रोकने टोकने देखने वाला नहीं है. करोड़ों की लागत से सरकार ने हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज बनाया है, लेकिन कितना गंदगी का आलम है. विदिशा रेड जोन में आ चुका हैं, लॉकडाउन लग चुका है, उसके बाद भी प्रशासन कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है.
विदिशा में बढ़ रहे कोरोना के मरीज, जिले में रविवार को लॉकडाउन
- प्रशासन ने गिनाईं तैयारियां
वहीं जिले के कलेक्टर पंकज जैन का कहना है कि कोरोना के ट्रीटमेंट को लेकर मेडिकल कॉलेज परिसर में पूरी व्यवस्था की गई है. जहांआईसीयू, एचडीयू, आइसोलेशन वार्ड और स्टेट डाउन वार्ड है. आईसीयू और एसडीओ को मिलाकर करीब 100 बेड हैं. जिसमें अभी 72 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. इसके अलावा टोटल 166 ऑक्सीजन प्वॉइंट उपलब्ध हैं. किसी भी मरीज को अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं. इसके अलावा 40 ऑक्सीजन प्वॉइंट जिला अस्पताल में है.
इसके अलावा माइक्रो कंटेंटमेंट जोन के लिए दल का गठन किया गया है. और एमएनयू का गठन किया है कि जिस भी व्यक्ति के घर में कोरोना पॉजिटिव मरीज ऑलरेडी आ चुके हैं. उनका घर हमने बंद कर दिया है और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया है. किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी है एमएनयू को कॉल करें तो हमारी टीम जाकर उसके घर से ही सैंपल ले लेगी. कलेक्टर ने आग्रह किया है कि ऐसे परिजन जिनके घर के लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वह टेस्ट कराने के लिए बाहर न निकले.