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एसडीएम और एडवोकेट के बीच तू-तू मैं-मैं, थाने पहुंचा मामला

लॉकडाउन में बाहर निकलने पर वकील मनोज तोमर पर एसडीएम ने चालानी कार्रवाई करने की बात कही. मामला इतना बढ़ गया कि एसडीओपी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. फिलहाल, एसडीओपी ने मामले को शांत करा दिया है.

गंजबासौदा थाना
गंजबासौदा थाना
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Published : May 22, 2021, 1:15 PM IST

विदिशा। लॉकडाउन के दौरान आए दिन बेवजह घूमने वाले वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई की जा रही है. इस बीच एसडीएम राजेश मेहता ने वकील मनोज तोमर पर बिना वजह बाजार घूमने पर चालानी कार्रवाई करने की बात कही. मनोज ने बार-बार निवेदन भी किया अपना परिचय भी बताया, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि एसडीएम ने मनोज को थाने भेज दिया. पूरी मामला गंजबासौदा थाना इलाके का है.

गंजबासौदा थाना


एसडीओपी ने किया मामला रफा-दफा

बता दें कि एसडीएम राजेश मेहता भी रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने पहुंच गए. मामले की जानकारी अन्य वकीलों को जैसे ही लगी तो बारी-बारी से वकील थाना परिसर में एकत्रित हो गए. अभिभावक संघ के पदाधिकारी भी थाने पहुंच गए. उन्होंने एसडीएम मेहता से निवेदन भी किया. वहीं, एसडीएम रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आमद रहे. वहीं, एसडीओपी भारत भूषण शर्मा ने दोनों पक्षों को शांत कराने के बाद मामले को रफा-दफा किया.

लोगों ने जताई नाराजगी
वहीं, दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि संकट भरे काल में जहां आय का स्रोत हर जगह से बंद हैं, ऐसे में चालानी कार्रवाई प्रशासन के द्वारा उचित नहीं है. आदमी जब कमा नहीं रहा तो, 100, 500 रुपए की रसीद कैसे कटवाएगा. प्रशासन की कार्रवाई कहीं ना कहीं गरीब बेसहारा लोगों के लिए गलत है. वहीं वकील मनोज तोमर का कहना था कि मैंने एसडीएम से निवेदन किया था, लेकिन वह मेरी नहीं माने और मुझे थाने में बंद कराने की बात कहने लगे.

सचिव मुकेश रघुवंशी ने बताया
अभिभाषक संघ गंजबासौदा के सचिव मुकेश रघुवंशी ने बताया कि थोड़ी सी आपस में तू-तू मैं-मैं हुई और गाली गुप्तार में बदल गई. कहीं न कहीं प्रशासन को यह लग रहा है कि इनके द्वारा अभद्रता की गई है. उन्होंने बताया कि मनोज को थाने लाया गया. मुकेश ने कहा कि, मैंने अपने स्तर पर उनसे अगर कोई गलती हुई हो तो उसके लिए माफी मांग ली.

1 JUNE से MP होगा UNLOCK, CM बोले- 31 मई तक प्रदेश को करेंगे कोरोना मुक्त

एडवोकेट मनोज सिंह तोमर ने कहा
एडवोकेट मनोज सिंह तोमर ने बताया कि, 'एसडीएम साहब के पास यह बताने गए थी, कि आपकी जांच के चक्कर में लोग 4 फीट की गली से निकल निकल कर जा रहे हैं. मेरी गाड़ी से गाड़ी टकराई थी तब जाकर मैंने निवेदन किया था और एसडीएम साहब मुझसे कहने लगे मेरे साथ थाने चलिए. मैं थाने आ गया. उन्होंने कहा कि हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते, बस अधिकारी सुनवाई करें.'

विदिशा। लॉकडाउन के दौरान आए दिन बेवजह घूमने वाले वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई की जा रही है. इस बीच एसडीएम राजेश मेहता ने वकील मनोज तोमर पर बिना वजह बाजार घूमने पर चालानी कार्रवाई करने की बात कही. मनोज ने बार-बार निवेदन भी किया अपना परिचय भी बताया, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि एसडीएम ने मनोज को थाने भेज दिया. पूरी मामला गंजबासौदा थाना इलाके का है.

गंजबासौदा थाना


एसडीओपी ने किया मामला रफा-दफा

बता दें कि एसडीएम राजेश मेहता भी रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने पहुंच गए. मामले की जानकारी अन्य वकीलों को जैसे ही लगी तो बारी-बारी से वकील थाना परिसर में एकत्रित हो गए. अभिभावक संघ के पदाधिकारी भी थाने पहुंच गए. उन्होंने एसडीएम मेहता से निवेदन भी किया. वहीं, एसडीएम रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आमद रहे. वहीं, एसडीओपी भारत भूषण शर्मा ने दोनों पक्षों को शांत कराने के बाद मामले को रफा-दफा किया.

लोगों ने जताई नाराजगी
वहीं, दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि संकट भरे काल में जहां आय का स्रोत हर जगह से बंद हैं, ऐसे में चालानी कार्रवाई प्रशासन के द्वारा उचित नहीं है. आदमी जब कमा नहीं रहा तो, 100, 500 रुपए की रसीद कैसे कटवाएगा. प्रशासन की कार्रवाई कहीं ना कहीं गरीब बेसहारा लोगों के लिए गलत है. वहीं वकील मनोज तोमर का कहना था कि मैंने एसडीएम से निवेदन किया था, लेकिन वह मेरी नहीं माने और मुझे थाने में बंद कराने की बात कहने लगे.

सचिव मुकेश रघुवंशी ने बताया
अभिभाषक संघ गंजबासौदा के सचिव मुकेश रघुवंशी ने बताया कि थोड़ी सी आपस में तू-तू मैं-मैं हुई और गाली गुप्तार में बदल गई. कहीं न कहीं प्रशासन को यह लग रहा है कि इनके द्वारा अभद्रता की गई है. उन्होंने बताया कि मनोज को थाने लाया गया. मुकेश ने कहा कि, मैंने अपने स्तर पर उनसे अगर कोई गलती हुई हो तो उसके लिए माफी मांग ली.

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एडवोकेट मनोज सिंह तोमर ने कहा
एडवोकेट मनोज सिंह तोमर ने बताया कि, 'एसडीएम साहब के पास यह बताने गए थी, कि आपकी जांच के चक्कर में लोग 4 फीट की गली से निकल निकल कर जा रहे हैं. मेरी गाड़ी से गाड़ी टकराई थी तब जाकर मैंने निवेदन किया था और एसडीएम साहब मुझसे कहने लगे मेरे साथ थाने चलिए. मैं थाने आ गया. उन्होंने कहा कि हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते, बस अधिकारी सुनवाई करें.'

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