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ट्यूबवेल के लिए 11 मौतें जरूरी थी ? गंजबासौदा हादसे के बाद टूटी प्रशासन की नींद - विदिशा न्यूज

गंजबासौदा में हुए हादसे के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. फिलहाल, स्थानीय प्रशासन की ओर से क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए ट्यूबवेल खुदवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

Ganjbasoda incident
गंजबासौदा
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Published : Jul 18, 2021, 12:02 AM IST

Updated : Jul 18, 2021, 7:11 AM IST

विदिशा। गंजबासौदा में हुए हादसे में 30 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुएं के अंदर से बच्चे के शव समेत 11 शव निकाले जा चुके हैं. इस हादसे के बाद अब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन की ओर से क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए ट्यूबवेल खुदवाने की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि, प्रशासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने के ऐलान किया गया था. इसमें से कुछ मृतकों के परिजनों को चेक सौंपा भी जा चुका है. इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है.

11 मौतों के बाद जागा प्रशासन

प्रशासन अलर्ट
दरअसल, गुरुवार की शाम हुए इस हादसे का सबसे बड़ा कारण थी पानी की समस्या. गंजबासौदा तहसील के लाल पठार ग्राम में पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई थी, जिसके लिए ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों और नेताओ को आवेदन दिए थे, लेकिन प्रसाशन की नींद हादसे के बाद टूटी. लोगों का ये भी कहना है कि, अगर यहां जल समस्या न होती तो यह हादसा नहीं होता. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा पूर्व में कोई कदम नहीं उठाया गया, लेकिन जब गुरुवार को 50 के करीब लोग कुएं में गिर गए और 11 लोगों को जान गंवानी पड़ी, तब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट हुआ है. बता दें कि, शनिवार को जलसंधान विभाग अपने अमले के साथ गंजबासौदा में पहुंची और पानी की समस्या के निराकरण का काम शुरू किया. वहीं, पानी की विकराल समस्या को लेकर गांव के लोगों ने विधायक लीना जैन को यहां की समस्या के बारे में बताया.

कैसे हुआ था हादसा ?
गुरुवार की शाम को रवि नाम का बच्चा घर के पास कुएं में पानी भरने गया था. रवि के पिता ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब थी इसलिए वह पानी लेने कुएं पर गया था. पिता कुएं पर पहुंचे तो रवि ने उन्हें बाल्टी देकर घर भेज दिया. रवि के पिता घर पहुंचे ही थे कि लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि रवि कुएं में गिर गया है. रवि के पिता समेत कई लोगों मौके पर पहुंचे थे.

कुआं धंसने से हुआ हादसा
काफी देर मशक्कत करने के बाद रवि को बाहर नहीं निकाला जा सका. इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे. स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी इसलिए लोग ही रवि को कुएं से बाहर निकालने के लिए मशक्कत कर रहे थे. इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर बनी गाडर पट्टी की छत पर चढ़ गए. कुएं की छत इतने लोगों का वजन नहीं उठा पाई और कुआं धंस गया.

गंजबासौदा हादसा: 30 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, बच्चे समेत 11 के शव निकाले

30 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि 30 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मौके पर ही मौजूद रहे. NDRF, SDRF, होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री गोविंद सिंह ने कहा था कि रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद सरकार इस मामले की जांच करेगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेगी.

विदिशा। गंजबासौदा में हुए हादसे में 30 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुएं के अंदर से बच्चे के शव समेत 11 शव निकाले जा चुके हैं. इस हादसे के बाद अब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन की ओर से क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए ट्यूबवेल खुदवाने की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि, प्रशासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने के ऐलान किया गया था. इसमें से कुछ मृतकों के परिजनों को चेक सौंपा भी जा चुका है. इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है.

11 मौतों के बाद जागा प्रशासन

प्रशासन अलर्ट
दरअसल, गुरुवार की शाम हुए इस हादसे का सबसे बड़ा कारण थी पानी की समस्या. गंजबासौदा तहसील के लाल पठार ग्राम में पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई थी, जिसके लिए ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों और नेताओ को आवेदन दिए थे, लेकिन प्रसाशन की नींद हादसे के बाद टूटी. लोगों का ये भी कहना है कि, अगर यहां जल समस्या न होती तो यह हादसा नहीं होता. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा पूर्व में कोई कदम नहीं उठाया गया, लेकिन जब गुरुवार को 50 के करीब लोग कुएं में गिर गए और 11 लोगों को जान गंवानी पड़ी, तब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट हुआ है. बता दें कि, शनिवार को जलसंधान विभाग अपने अमले के साथ गंजबासौदा में पहुंची और पानी की समस्या के निराकरण का काम शुरू किया. वहीं, पानी की विकराल समस्या को लेकर गांव के लोगों ने विधायक लीना जैन को यहां की समस्या के बारे में बताया.

कैसे हुआ था हादसा ?
गुरुवार की शाम को रवि नाम का बच्चा घर के पास कुएं में पानी भरने गया था. रवि के पिता ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब थी इसलिए वह पानी लेने कुएं पर गया था. पिता कुएं पर पहुंचे तो रवि ने उन्हें बाल्टी देकर घर भेज दिया. रवि के पिता घर पहुंचे ही थे कि लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि रवि कुएं में गिर गया है. रवि के पिता समेत कई लोगों मौके पर पहुंचे थे.

कुआं धंसने से हुआ हादसा
काफी देर मशक्कत करने के बाद रवि को बाहर नहीं निकाला जा सका. इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे. स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी इसलिए लोग ही रवि को कुएं से बाहर निकालने के लिए मशक्कत कर रहे थे. इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर बनी गाडर पट्टी की छत पर चढ़ गए. कुएं की छत इतने लोगों का वजन नहीं उठा पाई और कुआं धंस गया.

गंजबासौदा हादसा: 30 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, बच्चे समेत 11 के शव निकाले

30 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि 30 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मौके पर ही मौजूद रहे. NDRF, SDRF, होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री गोविंद सिंह ने कहा था कि रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद सरकार इस मामले की जांच करेगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेगी.

Last Updated : Jul 18, 2021, 7:11 AM IST
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