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300 साल पुराना है भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर, सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी - wishes for childbirth

विदिशा जिला मुख्यालय के मानोरा ग्राम में 300 साल पुराना भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर है. जो लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां दूर-दूर से लोग अपनी मन्नत लेकर दर्शन करने आते हैं.

300 year old temple of Lord Jagadish Swami in Vidisha
300 साल पुराना मंदिर
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Published : Jun 28, 2020, 1:21 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 3:49 PM IST

विदिशा। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी पर बसा ग्यारसपुर तहसील के ग्राम मानोरा जिले में एक मात्र भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर है. जो जिले के साथ-साथ आसपास के जिले के लोगों की भी आस्था का केंद्र है. ऐसा माना जाता है कोई कहीं से भी मानोरा ग्राम में भगवान जगदीश स्वामी के दर पर आता है, तो खाली हाथ नहीं जाता. जहां अधिकतर श्रद्धालु संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर भगवान जगदीश की शरण में पहुंचते हैं, जिनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

300 साल पुराना है भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर,

ये है मंदिर की मान्यता

मानोरा ग्राम का मंदिर 300 साल पुराना है. भगवान जगदीश स्वामी को इस ग्राम में पिंड भरके लाया गया था, तब से लेकर आज तक लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है. हर तीज त्योहार पर यहां बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते हैं.

मानोरा ग्राम में पत्थरों का विशाल प्रवेश द्वार बना है, इस प्रवेश द्वार के दोनों तरफ हाथ जोड़कर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाता है. गांव के द्वार पर प्राचीन महाकाल विराजमान है, लोगों को पहले महाकाल के दर्शन कर गांव में प्रवेश करना होता है. मंदिर पर बड़े-बड़े रंग बिरंगे झंडे कोसों दूर से शांति का संदेश देते दिखाई देते हैं.

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

मंदिर में घंटों से कपड़े बांधे गए हैं, इनकी बड़ी आस्था बताई जाती है. कहा जाता है कि मन्नत की चुनरी बांधने पर कुछ ही दिनों में भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है. भगवान जगदीश स्वामी माताओं की सूनी गोद भरने में विख्यात हैं. अधिकतर लोग यहां संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आते हैं.

मंदिर के तट पर पुजारियों का एक जत्था पूजा कराता है, मंदिर के बाहर लोग परिक्रमा लगाकर भगवान के दर्शन लाभ लेते हैं. कई किलोमीटर दूर से ही भगवान जगदीश स्वामी के नारों से पूरा ग्राम भक्तिमय हो जाता है. दूर-दूर तक भगवान की आरती, मंदिर के घंटे हाइवे तक सुनाई देते हैं.

विदिशा। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी पर बसा ग्यारसपुर तहसील के ग्राम मानोरा जिले में एक मात्र भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर है. जो जिले के साथ-साथ आसपास के जिले के लोगों की भी आस्था का केंद्र है. ऐसा माना जाता है कोई कहीं से भी मानोरा ग्राम में भगवान जगदीश स्वामी के दर पर आता है, तो खाली हाथ नहीं जाता. जहां अधिकतर श्रद्धालु संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर भगवान जगदीश की शरण में पहुंचते हैं, जिनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

300 साल पुराना है भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर,

ये है मंदिर की मान्यता

मानोरा ग्राम का मंदिर 300 साल पुराना है. भगवान जगदीश स्वामी को इस ग्राम में पिंड भरके लाया गया था, तब से लेकर आज तक लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है. हर तीज त्योहार पर यहां बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते हैं.

मानोरा ग्राम में पत्थरों का विशाल प्रवेश द्वार बना है, इस प्रवेश द्वार के दोनों तरफ हाथ जोड़कर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाता है. गांव के द्वार पर प्राचीन महाकाल विराजमान है, लोगों को पहले महाकाल के दर्शन कर गांव में प्रवेश करना होता है. मंदिर पर बड़े-बड़े रंग बिरंगे झंडे कोसों दूर से शांति का संदेश देते दिखाई देते हैं.

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

मंदिर में घंटों से कपड़े बांधे गए हैं, इनकी बड़ी आस्था बताई जाती है. कहा जाता है कि मन्नत की चुनरी बांधने पर कुछ ही दिनों में भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है. भगवान जगदीश स्वामी माताओं की सूनी गोद भरने में विख्यात हैं. अधिकतर लोग यहां संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आते हैं.

मंदिर के तट पर पुजारियों का एक जत्था पूजा कराता है, मंदिर के बाहर लोग परिक्रमा लगाकर भगवान के दर्शन लाभ लेते हैं. कई किलोमीटर दूर से ही भगवान जगदीश स्वामी के नारों से पूरा ग्राम भक्तिमय हो जाता है. दूर-दूर तक भगवान की आरती, मंदिर के घंटे हाइवे तक सुनाई देते हैं.

Last Updated : Jun 28, 2020, 3:49 PM IST
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