विदिशा। नीमखेड़ा गांव में 103 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला ने कोरोना संक्रमण से जंग जीती है. इस महिला का नाम सरस्वती देवी पवार है और उनका गांव जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर है. सरस्वती देवी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके परिवार ने उनका इलाज घर पर ही करने का फैसला लिया और होम क्वारंटाइन में रहकर ही वह संक्रमण से उभरी है. सरस्वती देवी 103 वर्ष की उम्र में भी घर के काम भी कर लेती है और किसी से मदद नहीं लेती है.
- उम्र ज्यादा होने से हमेशा रहता है बुखार
सरस्वती देवी की बहु रानी मोहनी के मुताबिक, ज्यादा उम्र होने के कारण उन्हें समय समय पर बुखार आते रहता है. उन्हें अकेलापन महसूस न हो इसलिए उनका इलाज घर पर ही कराने का परिवार ने फैसला लिया था. अब वह पूरी तरह इस बिमारी से उभर चुकी हैं और किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हैं. बुजुर्ग महिला की बहु ने आगे बताया कि संक्रमित होने के बाद उन्हें 10 दिन परिवार से अलग रखा गया था और वह इस उम्र में भी अपने काम खुद कर लेती हैं.
- दूसरों का मनोबल भी बढ़ाया
कोरोना महामारी के दौर में सरस्वती देवी जैसे कई लोगों ने साहस का परिचय दिया है. लिहाजा कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर में भी इन लोगों ने संक्रमण से जंग जीती है और दूसरों का मनोबल भी बढ़ाया है.