उमरिया। हिंदू धर्म में मान्यता है कि गाय में 34 करोड़ देवता वास करते हैं. इसीलिए चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी गाय को राष्ट्रीय धरोहर की मांग करते आए हैं. इसीलिए गाय को चुनावी मुद्दा भी बनाया गया है. गायों को सुरक्षित रखने के लिए गाय का संवर्धन करने के लिए गौशाला बनाई गई हैं. लेकिन इतना पैसा खर्च होने के बाद भी गौशालाओं की हालत खस्ता है. मामला उमरिया जिले के ट्राइबल ब्लॉक बिरसिंहपुर पाली के ग्राम कुमर्दू ग्राम पंचायत का है. जहां पर 27 लख रुपए की लागत से गौशाला का निर्माण कराया गया.
ये थी योजना : योजना थी कि इस गौशाला गायों को अच्छा भोजन अच्छा पानी व चिकित्सा के माध्यम से अच्छा स्वास्थ्य दिया जाएगा. लेकिन यहां पर तो न तो पौष्टिक चारा दिया जा रहा और न ही देखभाल की जा रही है. यहां का देखरेख करने वाले खुद के लिए सब्जी लगाकर रखे हुए हैं. गायों के खाने के लिए चारा नहीं देते. पानी भी गंदा है. स्वास्थ्य टीम कभी आती है, कभी नहीं आती. वहीं इस संबंध में कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का कहना है कि तत्काल एक टीम बनाकर इसकी मॉनीटरिंग करवाते हैं.
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सारी गौशालाओं की यही हालत : बता दें कि पूरे प्रदेश की गौशालाओं की हालत ऐसी ही है. गायों के नाम पर राजनीति कितनी भी हो लेकिन गायों की दशा सुधारने के लिए कोई काम नहीं करता. गौशालाएं तो खोल दी गईं लेकिन न तो यहां के लिए पर्याप्त बजट है और न देखरेख करवाने की कोी व्यवस्था है. इसके बाद भी जो बजट आता है, उसे जिम्मेदार अपने हिसाब से खर्च कर लेते हैं. गायों की हालत सुधारने के लिए समाजसेवी भी आगे आते हैं, लेकिन इसका कोई सिस्टम अभी तक डेवलप नहीं हो सका है.