उमरिया। इस बार रेलवे ने सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन को तीन माह में 75 दिन के लिए निरस्त किया है. इससे उमरिया जिले के बांधवगढ़ आने-जाने वाले पर्यटकों की मुसीबत बढ़ गई है. खास बात यह है कि उत्तर-पूर्व रेलवे की ओर से यह फैसला कोहरे की आशंका के चलते लिया गया है. करीब 20 दिन पहले भी रेलवे ने ट्रेनों को 5 से 17 नवंबर तक रद्द किया था, यह फैसला विकास कार्यों की बात कहते हुए किया गया था, इसमे कटनी-भोपाल रुट की 24 ट्रेनें निरस्त कर दी गई थीं.
इन तिथियों पर रद्द रहेगी 15159 छपरा-दुर्ग एक्सप्रेस
दिसंबर में : 3, 5, 7, 10, 12, 14, 17, 19, 21, 24, 26, 28 व 31
जनवरी में : 2, 4, 7, 9, 11, 14, 15, 18, 21, 23, 25, 28 व 30
फरवरी में : 1, 4, 6, 8, 11, 13, 15, 18, 20, 22, 25 व 27
15160 दुर्ग-छपरा एक्सप्रेस
दिसंबर में : 4, 6, 8, 11, 13, 15, 18, 20, 22, 25, 27 व 29
जनवरी में : 1, 3, 5, 8, 10, 12, 15, 17, 19, 22, 24, 26, 29 व 31
फरवरी में: 2, 5, 7, 9, 12, 14, 16, 19, 21, 23, 26 व 28
रेलवे को पता है, कब-कब रहेगा कोहरा: बिलासपुर-कटनी होकर गुजरने वाली संभाग की अत्यंत महत्वूपर्ण ट्रेन दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस आने वाले तीन महीनों के दौरान 75 दिन निरस्त रहेगी. निर्णय के पीछे रेलवे ने कोहरे को कारण बताया है. इतना ही नहीं बकायदा ट्रेन को रद्द करने की तारीखें भी जारी कर दी गई हैं. इसका मतलब यही है कि रेल प्रशासन को मौसम के साथ ही कोहरे का प्रकोप किस-किस दिन रहेगा, इसकी भी सटीक जानकारी अभी से मिल गई है.
रेलवे के फैसले से जनता होगी परेशान: जानकार भी रेलवे के मौसम विज्ञान से हतप्रभ हैं, उनका कहना है कि ठण्ड के दौरान उत्तर भारत मे कोहरे का प्रकोप कोई नई बात नहीं है. साल-दो साल पहले तक मौसम के कारण गाडियां भले ही लेट होती हों, परंतु उन्हें इस तरह रद्द नहीं किया जाता था. वैसे भी कोहरे की समस्या दिसंबर से लेकर जनवरी के बीच ज्यादा रहती है. रेलवे ने फरवरी तक कई ट्रेनों को रद्द करके जता दिया है कि वह लोगों को परेशान करने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देगी.
सारनाथ एक्सप्रेस से रोजाना सैकड़ों लोग करते हैं यात्रा: सारनाथ एक्सप्रेस इस मार्ग की अत्यंत महत्वूपर्ण ट्रेन है, जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों को उत्तरप्रदेश तथा बिहार से जोड़ती है. उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के सैकड़ों यात्री रोजाना सारनाथ द्वारा आवागमन करते हैं. वहीं आने वाले दिसंबर, जनवरी और फरवरी में विवाहों के भी मुहूर्त भी हैं. कई लोगों ने बताया कि उन्होंने बारात के लिये 4 महीने पूर्व ट्रेन मे रिजर्वेशन कराये हैं, रेलवे के इस फरमान ने इन सभी को मुसीबत में डाल दिया है.
नुमाइंदों का मौन रहना निराशाजनक: ट्रेनों को रद्द करने के अलावा कोरोना के पहले जिला मुख्यालय सहित उमरिया जिले के अन्य स्टेशनों पर वर्षों से रूक रही ट्रेनो के स्टापेज छीन लिये गये हैं. यदि कोई इसका विरोध करता है, तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिये जाते हैं. इतनी उपेक्षा और अपमान के बावजूद क्षेत्र के नुमाइंदों का मौन रहना दुखद और निराशाजनक है.