उमरिया। शनिवार की रात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों ने बमेरा कैंप के पालतू हाथी सूर्या पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. जंगली हाथियों के झुंड के हमले की जानकारी मिलने पर प्रबंधन की टीम और डॉ. नितिन गुप्ता भी अपनी टीम के साथ हाथी कैंप पहुंचे. घायल सूर्या का वन्य जीव चिकित्सकों की निगरानी में इलाज शुरू किया गया है. हमले के बाद क्षेत्र में गश्त बढ़ा दिया गया है. (Umaria Wild Elephants Attack) जंगली हाथियों ने पेड़ों को भी तोड़ा, इसके बाद वापस जंगल में चले गए.
गुड़ के लिए हाथियों में संघर्ष: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के बमेरा कैंप के सूर्या हाथी की उम्र लगभग 10 वर्ष है. कैंप में आराम फरमा रहा सूर्या गुड़ का लुत्फ उठा रहा था. वाइल्ड लाइफ एक्स्पर्ट्स ने बताया कि हाथी 20 किलोमीटर दूर की चीजों को सूंघ लेते हैं. गुड़ की महक जंगली हथियों को हाथी कैंप तक खींच लाई और सूर्या पर गुड़ के लिए जंगली हाथियों ने हमला कर दिया.
सूर्या को दिया गया आराम: घायल होने की जानकारी लगते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचकर सूर्या हाथी की देखरेख में जुट गए हैं. डॉ. नितिन गुप्ता भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर सूर्या का इलाज शुरू किया. सूर्या को एंटीबायोटिक, पेन किलर सहित अन्य दवाइयां दी गई, इंजेक्शन भी लगाए गए. उसके घावों पर मलहम लगाया गया. महावत को मालिश करने के लिए कहा गया है. फिलहाल कुछ दिन तक सूर्या से कोई काम नहीं लिया जाएगा. सुरक्षा के लिहाज से उसे दूसरे कैंप भेज दिया गया है. जहां उसे निगरानी में रखकर दवाइयां देकर और मालिश की जाएगी.
Shahdol में जारी है हाथियों का आतंक, फिर एक ग्रामीण को कुचला, मौके पर ही मौत
बांधवगढ में जंगली हाथी बने चुनौती: बांधवगढ में बीते 4-5 साल से जंगली हाथियों ने अपना ठिकाना बना लिया है. जंगली हाथियों से अभी तक प्रबंधन के सामने ग्रामीणों को बचाए रखने के लिए मशक्कत करना पड़ता था लेकिन पालतू और जंगली हाथियों के बीच शुरू हुए इस द्वंद ने पार्क प्रबंधन के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है. बांधवगढ में 14 पालतू हाथी हैं जो पार्क के अलग-अलग कैम्पों में रहते हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन सहित वन्य जीव सरंक्षण के अहम कार्यों में काम आते हैं. पार्क प्रबंधन ने सामने आई इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक रणनीति बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.