उमरिया। मध्य प्रदेश में धर्मांतरण कर चुके लोगों द्वारा घर वापसी का सिलसिला जारी है. इसी सिलसिले में उमरिया जिले में एक दंपत्ति ने ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में वापसी की है. दरअसल जिले के चंदिया में भागवत महापुराण कथा चल रही है. जिससे प्रभावित होकर ईसाई धर्म अपना चुके एक दंपत्ति ने सनातन धर्म अपनाकर घर वापसी की है. बता दें कि चंदिया नगर के वार्ड 2 में रहने वाले कमलेश चौधरी ने परिवार सहित कई साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था. सनातन धर्म में वापसी कर दंपत्ति बेहद खुश है.
कथावाचक शैलेन्द्र नंद की कथा से प्रभावित हुई दंपत्ति: मथुरा वृंदावन के प्रसिद्ध संत एवं कथावाचक शैलेन्द्र नंद बाल प्रभु की चंदिया में भागवत कथा चल रही है. कथा सुनने के लिए दूर-दराज से लोग आ रहे हैं. वार्ड 2 में रहने वाले कमलेश चौधरी और उनकी पत्नी उर्मिला चौधरी कथा में शामिल हुईं. इस दौरान कथा को सुनकर कमलेश चौधरी और उनकी पत्नी उर्मिला चौधरी दोनों ने बालप्रभु के हाथों सनातन हिन्दू धर्म अपनाकर घर वापसी कर ली है. उन्होंने कहा कि वह अपनी मर्जी से हिंदू धर्म में शामिल हुए हैं.
कथावाचक चला रहे घर वापसी का अभियान: कथावाचक बाल प्रभु शैलेन्द्र नंद ने बताया कि ''वह हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म स्वीकार करने वालों की घर वापसी कराने का अभियान चला रहे हैं. वह जहां भी प्रवचन के लिए जाते हैं वहां वे दलितों वंचितों की अपने धर्म में वापसी करा रहे हैं''. इसी सिलसिले में उन्होंने कमलेश चौधरी और उनकी पत्नी उर्मिला चौधरी की भी हिंदू धर्म की रीति-रिवाज के साथ सनातन धर्म में वापसी करवाई है.
इलाज के नाम पर धर्मांतरण का खेल: बता दें कि आदिवासी जिले उमरिया के चंदिया नगर ही नहीं बल्कि जिले के सैकड़ों गांव में इलाज के नाम पर धर्मांतरण का खुला खेल चल रहा है. दोबारा सनातन धर्म अपनाने वाले कमलेश ने बताया कि ''मेरी पत्नी की तबीयत खराब रहती थी, जिस वजह से मैं बहुत परेशान रहता था. उसी बीच कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि ईसाई धर्म अपना लो तो आपकी पत्नी की तबियत ठीक हो जाएगी. उन लोगों की बातों में आकर मैंने इसाई धर्म अपना लिया और इसाईयों की सभाओं में जाना शुरु कर दिया. उन्होंने आगे बताया कि वहां मुझे पूजापाठ न करने और देवी देवताओं से दूर रहने के लिए भी कहा गया था.
ईसाई धर्म अपनाने के बाद नहीं आती थी नींद: वहीं, उर्मिला का कहना है कि "जब से ईसाई धर्म स्वीकार किया था तबसे मुझे रात में नींद तब तक नही आती थी जब तक मैं अपने बगल में बाइबिल रखकर नहीं सोती थी. लेकिन जब मैंने 30 मार्च की रात को हिन्दू धर्म स्वीकार किया है तो बीते एक साल बाद मैं अपनी पूरी नींद ले पाई हूं''.
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बालाघाट में 13 परिवारों की घर वापसी: कथावाचक शैलेन्द्र नन्द ने बताया की ''ईसाई मिशनरीज बीमारी के इलाज के नाम पर बड़ी सक्रियता के साथ धर्मांतरण करने का काम कर रही हैं. हालांकि इसके पहले भी ऐसे कई लोगों की घर वापसी मेरे द्वारा हुई है. हाल ही में बालाघाट जिले में कथा के दौरान 13 परिवारों की घर वापसी हुई है. साथ ही लालबर्रा में भी कई परिवारों की घर वापसी हुई है. उमरिया जिले की चंदिया नगर में अभी कुछ और परिवार हमारे सम्पर्क में हैं जिनकी घर वापसी होना है''.
गुमराह करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: वहीं पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया का कहना है कि ''यदि कोई अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो यह उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. लेकिन यदि गुमराह करके किसी का धर्म परिवर्तन किया जाता है तो यह गलत है. ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस तक आएगी तो गुमराह करने वालें लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी''.