ETV Bharat / state

Bandhavgarh Elephants जंगली हाथियों से मुकाबला करेंगी मधुमक्खियां, जानें कैसे रुकेगा गजराज का गदर

author img

By

Published : Dec 5, 2022, 8:41 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 8:49 PM IST

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे लगातार बढ़ रहे जंगली हाथियों के उत्पात से निपटने के लिए प्रबंधन ने मधुमक्खियों को आगे करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही एक डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिएटाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) से एक प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है. जिसमें एलीफेंट प्रोजेक्ट के लिए राशि मांगी गई है. जंगली हाथियों को रोकने के इस कॉन्सेप्ट पर काम करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने एक प्रोजेक्ट बनाया है. इसके लिए राशि प्रोजेक्ट एलीफेंट, खादी ग्रामोद्योग और एनजीओ के माध्यम से जुटाई जाएगी.

bees drive away wild elephants in bandhavgarh
बांधवगढ़ में जंगली हाथियों को भगाएंगी मधुमक्खियां

उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे लगातार बढ़ रहे जंगली हाथियों से निपटने के लिए प्रबंधन ने मधुमक्खियों को आगे करने का निर्णय लिया है. हाल के कुछ वर्षों में शोधकर्ता और जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों ने हाथियों से फसलों को बचाने के लिए मधुमक्खी का इस्तेमाल करने का तरीका ढूंढा है. अफ्रीका में हाल के वर्षों में शोध के दौरान 20-20 मीटर की दूरी पर मधुमक्खी के छत्ते रखने से हाथी खेत से दूर ही रहे. इस योजना के साथ एक प्रस्ताव टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) से वन मुख्यालय भोपाल भेजा गया है. इस प्रस्ताव से ना सिर्फ हाथियों को गांव मे प्रवेश करने से रोका जा सकेगा बल्कि ग्रामीण युवाओं को मधुमक्खी पालन के रूप मे एक रोजगार भी मिल जाएगा.

मधुमक्खियों से दूर भागते हैं हाथी: इस बारे में जानकारी देते हुए बांधवगढ़ के एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि हाथी (Elephants in Bandhavgarh) मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से डरते हैं. वह मधुमक्खियों से दूर भागते हैं और इस बात का फायदा उठाकर जंगल से लगे गांवों मे रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को सुरक्षित किया जा सकता है. एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि इसके लिए पूरी योजना तैयार की गई है और इस योजना के तहत काम किया जाएगा. इस योजना में न सिर्फ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहेंगे बल्कि ग्रामीणों और बांधवगढ़ मे काम करने वाले एनजीओ को भी शामिल किया किया जाएगा. वैसे तो मधुमक्खी का डंक हाथी की मोटी खाल में नहीं घुस सकता है लेकिन जब मधुमक्खी झुंड में आती हैं तो वे एक हाथी के लिए मुसीबत बन सकती हैं. वे हाथी के शरीर के संवेदनशील हिस्सों जैसे सूंड, मुंह और आंखों में डंक मार कर जख्मी कर सकती हैं.

मधुमक्खियों के साथ काम करेगा डिवाइस: एक साथ बहुत सारी मधुमक्खियों को हाथियों के पीछे छोड़ पाना पूरी तरह से आसान काम नहीं है. इसलिए मधुमक्खी पालन के साथ हाथियों से बचाव के लिए एक डिवाइस का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे हाथियों को गांव से दूर रखा जा सके. यह डिवाइस उन स्थानों पर लगाया जाएगा जहां मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. ब्लूटूथ और वाईफाई के माध्यम से इस डिवाइस से मक्खियों की भिनभिनाहट जैसी आवाजें आएंगी. जब हाथी गांव की तरफ आएंगे तो इस डिवाइस से मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की तेज आवाज निकाली जाएगी और साथ ही पेटियों से मधुमक्खियां निकलकर उडने लगेगीं. जिससे हाथी गांव के आसपास नहीं रहेंगे और वहां से दूर भाग जाएंगे.

Umaria Elephants Attack बांधवगढ़ में हथियों के बीच संघर्ष, गुड़ के लिए जंगली हाथियों ने सूर्या को किया घायल

मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन: जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए टीमों का गठन किया गया है और यह टीम हाथियों को गांव से दूर रखने की कोशिश करती है . उसी तरह डिवाइस को ऑपरेट करने के लिए भी ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. जंगली हाथियों को नियंत्रण मे करने के इस अभियान की शुरूआत 10 गांव मे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों मे मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही मधुमक्खी पालने उन 10 गांवों का चयन कर लिया है जहां से एलीफेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जाना है. इन दस गांव मे लोगों को ट्रेंड किया जाएगा और उसके बाद इस अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा.

उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे लगातार बढ़ रहे जंगली हाथियों से निपटने के लिए प्रबंधन ने मधुमक्खियों को आगे करने का निर्णय लिया है. हाल के कुछ वर्षों में शोधकर्ता और जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों ने हाथियों से फसलों को बचाने के लिए मधुमक्खी का इस्तेमाल करने का तरीका ढूंढा है. अफ्रीका में हाल के वर्षों में शोध के दौरान 20-20 मीटर की दूरी पर मधुमक्खी के छत्ते रखने से हाथी खेत से दूर ही रहे. इस योजना के साथ एक प्रस्ताव टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) से वन मुख्यालय भोपाल भेजा गया है. इस प्रस्ताव से ना सिर्फ हाथियों को गांव मे प्रवेश करने से रोका जा सकेगा बल्कि ग्रामीण युवाओं को मधुमक्खी पालन के रूप मे एक रोजगार भी मिल जाएगा.

मधुमक्खियों से दूर भागते हैं हाथी: इस बारे में जानकारी देते हुए बांधवगढ़ के एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि हाथी (Elephants in Bandhavgarh) मधुमक्खियों की भिनभिनाहट से डरते हैं. वह मधुमक्खियों से दूर भागते हैं और इस बात का फायदा उठाकर जंगल से लगे गांवों मे रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को सुरक्षित किया जा सकता है. एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि इसके लिए पूरी योजना तैयार की गई है और इस योजना के तहत काम किया जाएगा. इस योजना में न सिर्फ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहेंगे बल्कि ग्रामीणों और बांधवगढ़ मे काम करने वाले एनजीओ को भी शामिल किया किया जाएगा. वैसे तो मधुमक्खी का डंक हाथी की मोटी खाल में नहीं घुस सकता है लेकिन जब मधुमक्खी झुंड में आती हैं तो वे एक हाथी के लिए मुसीबत बन सकती हैं. वे हाथी के शरीर के संवेदनशील हिस्सों जैसे सूंड, मुंह और आंखों में डंक मार कर जख्मी कर सकती हैं.

मधुमक्खियों के साथ काम करेगा डिवाइस: एक साथ बहुत सारी मधुमक्खियों को हाथियों के पीछे छोड़ पाना पूरी तरह से आसान काम नहीं है. इसलिए मधुमक्खी पालन के साथ हाथियों से बचाव के लिए एक डिवाइस का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे हाथियों को गांव से दूर रखा जा सके. यह डिवाइस उन स्थानों पर लगाया जाएगा जहां मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. ब्लूटूथ और वाईफाई के माध्यम से इस डिवाइस से मक्खियों की भिनभिनाहट जैसी आवाजें आएंगी. जब हाथी गांव की तरफ आएंगे तो इस डिवाइस से मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की तेज आवाज निकाली जाएगी और साथ ही पेटियों से मधुमक्खियां निकलकर उडने लगेगीं. जिससे हाथी गांव के आसपास नहीं रहेंगे और वहां से दूर भाग जाएंगे.

Umaria Elephants Attack बांधवगढ़ में हथियों के बीच संघर्ष, गुड़ के लिए जंगली हाथियों ने सूर्या को किया घायल

मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन: जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए टीमों का गठन किया गया है और यह टीम हाथियों को गांव से दूर रखने की कोशिश करती है . उसी तरह डिवाइस को ऑपरेट करने के लिए भी ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. जंगली हाथियों को नियंत्रण मे करने के इस अभियान की शुरूआत 10 गांव मे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों मे मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही मधुमक्खी पालने उन 10 गांवों का चयन कर लिया है जहां से एलीफेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जाना है. इन दस गांव मे लोगों को ट्रेंड किया जाएगा और उसके बाद इस अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा.

Last Updated : Dec 5, 2022, 8:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.